सुख की सरकार का नारा लगाने वाले दुःख की सरकार चला रहे : जयराम ठाकुर

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि वर्तमान सरकार को आम लोगों से कोई सरोकार नहीं रह गया है। सरकार नारा ‘सुख की सरकार’ का देती है और काम सारे ‘दुःख की सरकार’ के करती है। दीवाली के समय में सरकार ने प्रदेश के डिपुओं पर मिलने वाली खाद्य सामग्रियों के दाम में लगभग बीस फ़ीसदी तक की बढ़ोतरी कर दी है। ऐसे में आपदा की मार झेल रहे प्रदेशवासी क्या करेंगे। उन्होंने कहा कि त्यौहारों में सरकार लोगों को तोहफ़े देती है जिससे लोग अच्छे से त्यौहार मना सके। लेकिन कांग्रेस सरकार प्रदेश के लोगों पर महंगाई का बोझ डालने का कोई भी अवसर नहीं छोड़ती है। जयराम ठाकुर ने कहा कि यह कोई पहला अवसर नहीं है जब कांग्रेस सरकार ने प्रदेश के लोगों पर महंगाई का बोझ डाला है। इसकी शुरुआत सरकार बनते ही शुरू हो गई थी। लोगों से महंगाई कम करने का वादा करके सत्ता में आई कांग्रेस ने सत्ता सम्भालते ही डीज़ल का वैट बढ़ाकर अपने चुनावी वादे के उलटा चलना शुरू कर दिया था और आज भी उसी रास्ते पर चल रही है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने ‘प्रधानमंत्री अन्न कल्याण योजना’ के माध्यम से देश भर में अस्सी करोड़ से ज़्यादा लोगों को निःशुल्क अन्न उपलब्ध करवा रही हैं। पिछले हफ़्ते प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस योजना को अगले पांच साल के लिए बढ़ा दिया है। दूसरी तरफ़ राज्य सरकार है आये दिन डिपुओं में मिलने वाले सामानों में कटौती कर रही है और जो मिल रहा है उनके दाम बढ़ा रही है। आपदा से जूझ रहे प्रदेश के लोगों के लिए सरकार द्वारा लिए गए ऐसे निर्णय किसी भी हाल में सही नहीं कहे जा सकते हैं।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार ने कहा कि डिपुओं में मिलने वाली उड़द की दाल के दाम 59 रुपए से बढ़ाकर 63 रुपए कर दिए, एपीएल को दी जाने वाली मलका की दाल के दाम 63 से बढ़ाकर 73 रुपए कर दिए। इसी तरह रिफ़ाइंड तेल के दाम बढ़ाकर 104 रुपए से बढ़ाकर 114 रुपये कर दिए। दीवाली के समय में इस तरह से खाने पीने की चीजों के बेतहाशा दाम बढ़ाकर प्रदेश के लोगों को परेशान करना, सरकार के निरंकुश होने का प्रमाण है।