हिमाचल प्रदेश में पिछले 24 घंटों में भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन

हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश, बाढ़, भूस्खलन और अन्य संबंधित दुर्घटनाओं के कारण पिछले 24 घंटों में एक दर्जन से अधिक लोग मारे गए हैं और कई अन्य लापता हैं। जहां एक ओर 700 से अधिक सड़कें अवरुद्ध हो गयी है वहीँ एनडीआरएफ और पुलिस बल कई क्षेत्रों में लोगों को बचाने और स्थानांतरित करने के कार्य में जुटे हैं । राज्य से अब तक मौसम संबंधी 36 घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें सबसे ज्यादा नुकसान मंडी, कांगड़ा और चंबा जिलों में हुआ है।
मौसम विभाग ने अगले अगले 12 घंटों के लिए ऑरेंज और उसके बाद 24 अगस्त तक येलो अलर्ट जारी कर अगले पांच दिनों में माध्यम से भारी बारिश की भविष्यवाणी की है। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने भी स्थानीय लोगों और पर्यटकों को खराब मौसम में नदियों और नालों के पास जाने से बचने की सलाह दी गई है। भारी बारिश के कारण अकेले मंडी में 13 लोगों की मौत हो गई और पांच लापता हो गए। गोहर विकासखंड के काशान गांव में एनडीआरएफ और पुलिस द्वारा चार घंटे तक चले तलाशी अभियान के बाद एक परिवार के आठ सदस्यों के शव उनके घर के मलबे से निकाले गए। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में चक्की पुल शनिवार की सुबह ढह गया, जिसमें भयावह पल कैमरे में कैद हो गए। इसे 2 अगस्त को अस्थायी रूप से असुरक्षित घोषित कर दिया गया था।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने जान-माल के भारी नुकसान पर व्यक्त की गहरी चिंता
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में मूसलाधार बारिश के कारण जान-माल के भारी नुकसान पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने सभी जिलों के उपायुक्तों तथा अन्य संबंधित अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल राहत, बचाव और पुनर्वास कार्य सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि एनडीआरएफ और राज्य की बचाव टीमों को राहत एवं बचाव कार्यों के लिए घटनास्थलों पर भेज दिया गया है। सभी घटनास्थलों पर राहत एवं बचाव कार्य युद्ध स्तर पर किए जा रहे हैं। भूस्खलन और बाढ़ से हुई मौतों पर दुख व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने ईश्वर से दिवंगत आत्माओं की शांति और शोक संतप्त परिवारों को अपूर्णीय क्षति को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की कामना की है। जय राम ठाकुर ने स्थानीय लोगों के साथ-साथ पर्यटकों से भी विशेष ऐहतियात बरतने और भूस्खलन एवं बाढ़ की आशंका वाले क्षेत्रों से दूर रहने की अपील की है।