अच्छी फिल्म खुद ढूंढ़ती है अपना रास्ता : अनुपम खेर

फिल्म अभिनेता अनुपम खेर ने कहा है की अच्छी फिल्म अपना रास्ता खुद ढूंढती है, अगर फिल्म अच्छी होती तो वह फ्लॉप नहीं होती। अनुपम खेर इन दिनों राजधानी शिमला में हैं। शिमला प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस मीट के दौरान पूछे गए सवालों के जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि लोगों को फिल्म अच्छी लगती है या बुरी,यह लोग खुद तय करते हैं। आमिर खान की मूवी लाल सिंह चड्ढा पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि फिल्म का बायकॉट करने का अधिकार लोगों के पास है, इसको ‘फ्रीडम आफ एक्सप्रेशन’ कहते हैं। शिमला से संबंध रखने वाले अनुपम खेर ने बताया कि छोटे से शहर शिमला से शुरू हुए उनके सफर में आज 530 से ज्यादा फिल्मे कर चुके हैं. उन्होंने बताया कि शिमला से उनकी बहुत पुरानी यादें जुड़ी हुई है बचपन शिमला में ही बीता यहां से उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिला.अनुपम खेर ने बताया कि आदमी के हौसले बुलंद हो इरादे मजबूत हो तो कुछ भी हो सकता है. अनुपम खेर ने प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में बचपन से जुड़े किस्से व बॉलीवुड के सफर के बारे में अनुभव साँझा किए. वही अनुपम खेर ने कहा कि अपने विचार रखने कि सभी को आजादी है. फ़िल्म देखना या न देखना दर्शकों की इच्छा है. उन्होंने कहा कि देश भक्ति मन में रखने से ही नहीं बल्कि कार्यों में दिखनी भी चाहिए. उन्होंने कहा कि कश्मीर टार्गेटिंग किलिंग पिछले लम्बे समय से हो रही थी लेकिन धारा 370 के बाद अभी इसमें कमी आई है.