80 हजार छात्रों की हैंडराइटिंग सुधार चुके वीरेंद्र कुमार को राष्ट्रीय शिक्षक अवार्ड

हिमाचल प्रदेश के एक शिक्षक ने शिक्षा के क्षेत्र में ऐसी क्रांति लाई है, जिसकी चर्चा अब देश के साथ साथ अन्य देशों में भी हो रही है। शिमला जिले दूर दराज इलाके धरोगड़ा में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में कार्यरत प्रशिक्षित कला स्नातक शिक्षक वीरेंद्र कुमार को राष्ट्रीय शिक्षक अवार्ड के लिए चुना गया है. वीरेंद्र देश विदेश के 80 हजार से ज्यादा छात्रों और शिक्षकों की लिखावट में सुधार कर शिक्षा के क्षेत्र में नईं क्रांति लाई है. कैलीग्राफी आकर्षक लिखावट की कक्षाओं की शुरूआत वीरेंद्र कुमार ने मई 2018 से की थी. तब से लेकर अब तक उनकी कक्षाओं से 80 हजार से ज्यादा छात्र और शिक्षक लाभान्वित हुए हैं. खेल-खेल में बच्चों को पढ़ाने वाले वीरेंद्र कुमार अपनी अनोखी शिक्षण शैली के लिए जाने जाते हैं. शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए उन्हें साल 2015 में राज्य सरकार ने राज्य स्तरीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित भी किया था. वीरेंद्र कुमार शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए कई सफल प्रयोग कर चुके हैं. वीरेंद्र ने कोविड-19 के दौरान लॉक डाउन का पूरा फायदा उठाया. अपने छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाने के साथ साथ कैलीग्राफी की ऑनलाइन कक्षाएं भी दीं. शुरूआत शिमला के छात्रों और शिक्षकों के साथ की थी. व्हट्सएप्प ग्रूप के साथ शुरूआत के साथ अन्य माध्यमों और सोशल मीडिया के जरिए देश विदेश के लोग जुड़ते रहे. वीरेंद्र से प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले शिक्षक इस क्रम को आगे बढ़ाते हैं, वो अन्य शिक्षकों और छात्रों को यही प्रशिक्षण देते हैं. इस तरह कड़ी से कड़ी जुड़ती रही. विदेशों में रह रहे भारतीय मूल के लोगों ने वीरेंद्र से संपर्क किया. वीरेंद्र कुमार का दावा है कि 21 दिन के भीतर वो किसी भी हैंडराइटिंग में सुधार ला सकते हैं. वीरेंद्र कुमार ने ओमान और दुबई में रह रहे भारतीय मूल के लगभग 230 बच्चों को कैलीग्राफी कक्षाएं प्रदान की, जिस से संबंधित बच्चों की लिखावट सुधर गई. वीरेंद्र कुमार ने बताया कि दुबई में 11वीं कक्षा एक छात्र ईशान इब्राहिम की हैंडराइटिंग बेहद खराब थी, जिसके चलते उसे स्कूल छोड़ना पड़ा और दूसरे बोर्ड के स्कूल में दाखिला लेना पड़ा. इब्राहिम की मां ने वीरेंद्र कुमार से संपर्क किया और ऑनलाइन प्रशिक्षण के जरिए उसकी लिखावट में सुधार लाया और पढ़ाई में मदद की. ओमान और दुबई के अलावा अमेरिका और यूके के छात्र भी वीरेंद्र से प्रशिक्षण ले चुके हैं. वीरेंद्र के उल्लेखनीय योगदान के लिए ओमान की संस्था ‘इंडियन सोशल क्लब ओमान’ ने प्रशस्ति पत्र जारी किया है. वीरेंद्र निशुल्क कक्षाएं देते हैं. बहुमुखी प्रतिभा के धनी खेल-खेल में छात्रों की हर मुश्किल आसान कर देते हैं. वीरेंद्र कुमार चित्रकारी का भी शौक रखते हैं और जादुई कलम के मालिक हैं. ये पेंसिल से भी ऐसा जादू बिखरते हैं कि हर कोई हैरान रह जाता है. तस्वीर ऐसी बनाते हैं कि लगता है कि कम्प्यूटर पर की गई कलाकारी कागज पर उतारी हो और लिखावट ऐसी है कि यकीन नहीं होता कि यह हाथों से लिखे हुए शब्द हैं. वीरेंद्र बताते हैं कि छात्र या कोई भी व्यक्ति जब अपने हाथों से कुछ भी लिखता है तो वो लिखी हुई चीज उसे 70 से 80 फीसदी तक याद रहती है, अच्छे लेखन से सीखने की क्षमता बढ़ जाती है. अच्छी लिखावट से पढ़ाई में कमजोर छात्र भी सफलता की तरफ आगे बढ़ जाता है, बुद्धि भी कुशाग्र होती है. वीरेंद्र की उपलब्धियों को देखते हुए अमेरिका के एक स्कूल ने इन्हें नौकरी का प्रस्ताव दिया. प्रतिमाह 4 लाख 90 हजार रुपये वेतन पर छात्रों को पढ़ाने का प्रस्ताव दिया, लेकिन वीरेंद्र ने उसे स्वीकार नहीं किया. इस तरह की कई ऑफर उन्हें आ चुकी हैं, लेकिन वीरेंद्र का कहना है कि मैं अपने प्रदेश में ही कार्य करना चाहता हूं और अपने देश की शिक्षा की बेहतरी के लिए अभी बहुत कुछ करना बाकी है.

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