‘मन की बात’ कार्यक्रम में पीएम मोदी ने किया किन्नौर और स्पीति का जिक्र

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 92वें संस्करण के माध्यम से देश की जनता को संबोधित किया। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने अमृत महोत्सव, अमृत सरोवर अभियान, डिजिटल इंडिया और ग्रामीण भारत की सफलता की कहानियों का जिक्र करते हुए देशवासियों से अगले महीने शुरू हो रहे पोषण अभियान से जुड़ने की अपील की है। इसी के साथ उन्होंने देश में आने वाले त्योहारों का जिक्र करते हुए उनमें छिपी प्रेरणा से सीख लेने का संदेश देते हुए अपने मन की बात के इस एपिसोड को पूरा किया।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मंडी में इस कार्यक्रम को सुना। मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने एक बार फिर हिमाचल का जिक्र किया। उन्होंने किन्नौर के कल्पा में बच्चों की ओर से किए गए हर घर तिरंगा कार्यक्रम का जिक्र किया और स्पीति में मटर की खेती में ग्रामीणों के आपसी सहयोग की सामाजिक व्यवस्था को भी सराहा। उन्होंने स्पीति निवासी रमेश के पत्र का जिक्र करते हुए पहाड़ों की जीवन शैली और संस्कृति से सीख लेने की बात कही । प्रधानमंत्री ने कहा कि
स्पीति की जीवन शैली हमें बताती है कि कैसे स्थानीय संसाधनों से आत्मनिर्भर बन सकते हैं। स्पीति एक जनजातीय क्षेत्र है। गर्मियों में यहां पर मटर तोड़ने का काम चलता है जो कि एक मेहनत भरा मुश्किल काम होता है। लेकिन गांव की महिलाएं इकट्ठा होकर एक साथ मिलकर एक-दूसरे के खेतों से मटर तोड़ती हैं। इस काम के साथ-साथ महिलाएं स्थानीय गीत ‘छपरा माजी छपरा’ भी गाती हैं। यहां आपसी सहयोग लोक परंपरा का हिस्सा है। स्पीति में स्थानीय संसाधनों के सदुपयोग का भी बेहतरीन उदाहरण देखने को मिलता है। ग्रामीण गर्मियों के मौसम में गाय के गोबर को बोरियों में भरते हैं और उन्हें गाए को बनाए गोशाला (ख़ुड) में रखते हैं, ताकि सर्दियों में गाय को ठंड कम लगे। यही गोवर गर्मियों में खेतों में डालकर ऑर्गेनिक खेती करते हैं। उन्होंने कहा कि कठिन परिस्थियों में कैसे जटिल जीवन को हंस खेलकर जीते हैं यह स्पीति में ही सीखने को मिल सकता है।

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