हिमाचल में नहीं थम रहा लंपी का कहर, 1471 पशुओं की मौत

प्रदेश में लंपी वायरस थमने का नाम नहीं ले रहा। लंपी वायरस से मरने वाले पशुओं का आंकड़ा बढ़कर 1471 के पहुंच गया है। कांगड़ा जिला में संक्रमण से मरने वाले पशुओं की संख्या सबसे ज्यादा 439 है। ऊना में 389 पशुओं की मौत इस संक्रमण से हो चुकी है। संक्रमण से जिला वार पशुओं की हुई मौत पर अगर नजर दौड़ाई तो सिरमौर में 217 शिमला में 68 सोलन में 255 चंबा में चार हमीरपुर में 26 बिलासपुर में 60, मंडी में 13 पशुओं की मौत  संक्रमण से हो चुकी है। इस संक्रमण से हर दिन हो रही पशुओं की मौत ने सरकार और विभाग की मुश्किलों को बढ़ा दिया है। किसान बागवान भी इस संक्रमण से पशुओं की हो रही मौतों को लेकर काफी चिंतित है। लंपी वायरस के 26180 एक्टिव केस इसमें लंपी वायरस के  26180  एक्टिव केस है। इस बीच 13754 पशु इस संक्रमण से ठीक भी हुए हैं। हालांकि इस संक्रमण से पशुओं के  ठीक होने की दर थोड़ी धीमी है, लेकिन हर दिन इस संक्रमण से हो रही पशुओं की  मौतों  ने लोगों को डरा दिया है। कांगड़ा जिला में सबसे ज्यादा 10728 लंपी वायरस के एक्टिव केस हैं। ऊना में 4770, सिरमौर में 3028, सोलन में 2882,बिलासपुर में 2001, शिमला में 815, चंबा में 445,हमीरपुर में 608, मंडी में 893 लंपी वायरस के सक्रिय मामले हैं। लंबी वायरस के कारण हो रही पशुओं की मौत पर मिलने वाले मुआवजे का मामला लंबा खींचता जा रहा है।  राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा इसे महामारी अधिसूचित ना करने की वजह से लोगों को सरकार द्वारा घोषित ₹30000 के मुआवजे का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इधर प्रदेश के 9 जिले इस संक्रमण की चपेट में है। पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने बताया कि सरकार जल्द इसे राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण एक्ट में अधिसूचित करके लोगों को जल्द मुआवजा जारी करेगी।

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