स्वतंत्रता संग्राम में जनजातीय नायकों के योगदान को किया गया याद

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला के जनजातीय अध्ययन संस्थान, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग नई दिल्ली और अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम द्वारा हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के सभागार में ‘स्वतंत्रता संग्राम में जनजातीय नायकों का योगदान’ विषय पर कार्यक्रम आयोजित किया गया । इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। कार्यक्रम में अपने सम्बोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों से संबंध रखने वाले वीर नायकों का स्वतंत्रता संग्राम में अहम योगदान रहा है। तिलका मजही, भगवान बिरसा मुंडा, थालाकाल चन्थू, नीलाम्बर, राधो जी भांगरे सहित अनेकों जनजातीय वीरों ने आज़ादी के संग्राम में बढ़-चढ़कर भाग लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि लाहौल स्पीति जिला के मुंशी सजे राम, ठाकुर देवी सिंह, ठाकुर शिव चंद, किन्नौर जिला के जंगी राम और भाग सरन जैसे अनेक नायकों ने आजादी के आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जय राम ठाकुर ने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव के दौरान हमें ऐसे अनेक स्वतंत्रता सेनानियों की गौरव गाथाओं को जानने का अवसर मिला जो अब तक गुमनाम थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है। जनजातीय उप योजना के तहत जनजातीय क्षेत्रों के लिए वर्ष 2018-19 से लेकर 2022-23 तक 3619 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया। इस अवधि के दौरान जनजातीय उप योजना के अंतर्गत परिवहन, सड़कों, पुलों और भवन निर्माण के लिए 1000 करोड़ रुपये से अधिक का बजट उपलब्ध करवाया गया। उन्होंने कहा कि विगत पौने पांच वर्षों के दौरान प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों में कनेक्टिविटी मज़बूत की गई है और एफआरए के तहत जनजातीय क्षेत्र के लोगों को खेती के लिए भूमि प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि जनजातीय उपयोजना के तहत प्रदेश में चार एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय हैं। प्रदेश सरकार जनजातीय वर्ग की जरूरतों पर विशेष ध्यान दे रही है। उन्होंने ‘स्वतंत्रता संग्राम में जनजातीय नायकों का योगदान’ कार्यक्रम के आयोजन के लिए आयोजकों की सराहना की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्वतन्त्रता सेनानी दयानंद नेगी को सम्मानित किया।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता शरद चव्हाण ने कहा कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम में जनजातीय नायकों ने निरंतर संघर्ष किया। इन नायकों ने जल, जंगल और जमीन की रक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने कहा कि जनजातीय नायकों का इतिहास सर्वव्यापी रहा और सर्वस्पर्शी है। उन्होंने कहा कि इन नायकों के जीवन मूल्यों के बारे में युवाओं को जागरुक किया जाना चाहिए।

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