हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा देने की केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दी मंज़ूरी

सिरमौर जिला के गिरिपार क्षेत्र के हाटी समुदाय जनजातीय दर्जा देने को केंद्रीय मंत्री मंडल ने मंजूरी दे है. गिरिपार को जनजातीय क्षेत्र का दर्जा भी मिल गया है. हाटी समुदाय पांच दशकों से जनजातीय दर्जा देने की मांग कर रहा था. इस फैसले के बाद 1 लाख 60 हज़ार लोगों को फायदा मिलेगा. केंद्रीय जनजातीय विभाग ने हिमाचल सरकार की ओर से भेजे गए ड्राफ्ट को पहले ही मंजूरी दे दी थी. जिसको आज मंत्री मंडल ने भी मंजूरी दे दी गई है. 1967 में उतराखंड के जोनसार बाबर को जनजातीय क्षेत्र का दर्जा दे दिया गया था. लेकिन गिरीपार का क्षेत्र बंचित रह गया था. 55 साल बाद 14 जातियों को इसका लाभ मिलेगा. हाटी समुदाय की 144 पंचायतों को इसका लाभ मिलेगा. हालांकि अनुसूचित जाति के लोग इसका विरोध कर रहे हैं. इस बीच मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने सिरमौर जिला के ट्रांस गिरी क्षेत्र के लोगों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा प्रदान करने के लिए केन्द्र सरकार और विशेष तौर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया। केन्द्रीय मंत्रिमण्डल ने आज नई दिल्ली में आयोजित बैठक में इसे स्वीकृति प्रदान की। मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार ने ट्रांस गिरी क्षेत्र के लोगों को पड़ोसी राज्य उत्तराखण्ड के लोगों के समान अनुसूचित जनजाति का दर्जा प्रदान करने की चिर लम्बित मांग को पूरा किया है क्योंकि इन क्षेत्रों की संस्कृति और भौगोलिक स्थिति एक-दूसरे से मिलती-जुलती है। उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक निर्णय से सिरमौर जिले की 1.60 लाख से अधिक की आबादी लाभान्वित होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह निर्णय क्षेत्र के लोगों की समृद्ध संस्कृति और परम्पराओं के संवर्द्धन और क्षेत्र के विकास को गति प्रदान करने में सहायक सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार ने सत्ता में आने के पश्चात केन्द्रीय नेतृत्व के समक्ष इस मामले को प्रभावी ढंग से रखा था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह और अन्य केन्द्रीय नेतृत्व ने हाटी समुदाय के इस भावनात्मक मुद्दे में विशेष रूचि व्यक्त की थी।