सुशासन सूचकांक-2021 में अव्वल जिलों के उपायुक्त पुरस्कृत

मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग के माध्यम से विभिन्न सरकारी सेवाओं एवं प्रक्रियाओं में सरलता, पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित करके आम लोगों को लाभान्वित करने के लिए कृत संकल्प है। मुख्यमंत्री आज मंडी के विपाशा सदन में जिला सुशासन सूचकांक-2021 पुरस्कार वितरण और हिमाचल प्रदेश के होटलों के लिए ग्रीन स्टार रेटिंग इनिशिएटिव (हिम-गृह) के शुभारंभ तथा मंडी में लगभग साढे़ तीन करोड़ रुपये से बनने वाले हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय एवं आवासीय भवन के शिलान्यास अवसर पर संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सतत विकास के लक्ष्यों की पूर्ति पर सदैव बल देती रही है और आम जनता को दी जा रही सेवाओं में सुधार के लिए लगातार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने ‘न्यूनतम सरकार अधिकतम शासन’ पर विशेष बल दिया है और शासन की गुणवत्ता में सुधार के लिए निरंतर कदम उठा रही है।
मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि जिला सुशासन सूचकांक (डीजीजीआई) शासन की गुणवत्ता का आकलन करने में मददगार साबित होगा और इसकी रिपोर्ट के आधार पर जिला प्रशासन और विभिन्न विभाग अपनी कार्यप्रणाली में और सुधार के लिए आवश्यक कदम भी उठा सकेंगे। उन्होंने कहा कि जिला सुशासन सूचकांक-2021 की तीसरी रिपोर्ट सभी 12 जिलों के द्वितीयक आंकड़ों के आधार पर तैयार की गई है और इसमें सभी जिलों के तुलनात्मक मूल्यांकन के लिए 8 मुख्य विषयों, 19 फोकल बिन्दुओं और 76 संकेतकों पर डाटा एकत्र किया गया है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य है, जिसने वर्ष 2018 से महत्वपूर्ण क्षेत्रों में प्रशासन की गुणवत्ता मापने का काम शुरू किया है। जय राम ठाकुर ने कहा कि यह रिपोर्ट जिलों को अपनी प्रगति का मूल्यांकन करने में मदद करेगी और नीति निर्माताओं को उन महत्वपूर्ण क्षेत्रों की पहचान करने में भी मदद करेगी जहां सुधार के लिए हस्तक्षेप की आवश्यकता होगी। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर डीजीजीआई के विजेता जिलों के उपायुक्तों को पुरस्कार प्रदान किए। उपायुक्त कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल को 50 लाख रुपये का प्रथम पुरस्कार, उपायुक्त बिलासपुर पंकज राय को 35 लाख रुपये का द्वितीय पुरस्कार और उपायुक्त ऊना राघव शर्मा को 25 लाख रुपये का तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया। उन्होंने शीर्ष प्रदर्शन करने वाले जिलों को बधाई दी और खराब रैंकिंग वाले जिलों के अधिकारियों को जमीनी स्तर पर और बेहतर प्रशासन प्रदान करने के निर्देश दिए, ताकि अगले वर्ष उनकी रैंकिंग में सुधार किया जा सके। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ठोस कचरा प्रबंधन पर एक कॉमिक (चित्रकथा) पुस्तक ‘वार्ड सदस्य मीनू’ का विमोचन भी किया।

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