मंदिरों और शक्तिपीठों में मां के जयकारों की गूँज

नवरात्र के दूसरे दिन प्रदवश के शक्तिपीठों और मंदिरों में माँ के जयकारों की गूंज कायम रही। नवरात्र के दूसरे दिन आज माँ के बरह्मचारिणी स्वरुप की पूजा अर्चना की गई. बरह्म का अर्थ है तपस्या और चारिणी का अर्थ है आचरण करने वाली। इस प्रकार बरह्मचारिणी का अर्थ हुआ तप का आचरण करने वाली। इनके दाहिने हाथ में जप की माला जबकि बायें हाथ में कमंडल रहता है। इनकी उपासना से मनुष्य में तप, वैराग्य , सदाचार और सयंम की वृद्धि होती है. प्रमुख शक्तिपीठों में हजारों श्रद्धालुओं ने माथा टेका। विभिन्न शक्तिपीठों व मन्दिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। मां दुर्गा के जयकारों से माहौल भक्तिमय बना रहा। कपाट खुलते ही श्रद्धालु मंदिर दर्शन के लिए पंहुचना शुरू हो गए. इस दौरान मंदिरों में भंडारों का आयोजन भी किया गया।

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