September 23, 2025

नई राहें, नई मंजिलें योजना के तहत तानु-जुब्बड़ झील के सौंदर्यीकरण को 20 लाख रुपए का प्रावधान

मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज शिमला जिला के ठियोग विधानसभा क्षेत्र के कुमारसैन में ‘‘प्रगतिशील हिमाचलः स्थापना के 75 वर्ष’’ कार्यक्रम की अध्यक्षता की। इस दौरान उन्होंने क्षेत्र के लोगों के लिए लगभग 44.83 करोड़ रुपए की 24 विकासात्मक परियोजनाओं के लोकार्पण व शिलान्यास किए।
कुमारसैन के दरबार मैदान में विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने अग्निशमन उपकेंद्र ठियोग को अग्निशमन केंद्र में स्तरोन्नत करने, नारकंडा पुलिस चौकी को स्तरोन्नत कर पुलिस थाना बनाने, तानु-जुब्बड झील के सौंदर्यीकरण के लिए नई राहें, नई मंजिलें योजना के तहत 20 लाख रुपए का प्रावधान करने, कुमारसैन नागरिक अस्पताल को स्तरोन्नत कर इसकी बिस्तर क्षमता 50 बिस्तर करने, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नारकंडा को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्तरोन्नत करने तथा थाथल सड़क व तानु जुब्बड-शिला जान सड़कों के लिए 10-10 लाख रुपए प्रदान करने की घोषणा की। उन्होंने सभी की सहमित के साथ प्रक्रिया पूरी करने के उपरांत कुमारसैन पंचायत को नगर पंचायत बनाने, कांगल विश्राम गृह का शेष कार्य शीघ्र पूरा करने और सब जज कोर्ट की स्थापना के लिए आवश्यक औपचारिकताएं पूर्ण करने की भी बात कहीं। जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रगतिशील हिमाचलः स्थापना के 75 वर्ष कार्यक्रम के आयोजन के प्रति हमारी भावना पवित्र रही है। यह सभी का कार्यक्रम है और हिमाचल की प्रगति में सभी के योगदान को स्मरण करने और उनका आभार व्यक्त करने का हमें अवसर देता है। प्रदेश के नेतृत्व के साथ-साथ राज्य की मेहनतकश व ईमानदार जनता का भी उल्लेखनीय योगदान हिमाचल की प्रगति में रहा है। उन्होंने इस क्षेत्र के लिए सत्यानंद स्टोक्स के प्रयासों की भी सराहना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने कोविड महामारी के बावजूद प्रदेश में विकास की गति को बनाए रखा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सक्षम नेतृत्व में भारत इस संकट से बाहर निकलने में सफल रहा और उनके मार्गदर्शन में कोविड टीके के निर्माण के साथ ही भारत में विश्व का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान सफलतापूर्वक चलाया गया। हिमाचल प्रदेश को लक्षित आबादी के टीकाकरण के लिए देशभर में अव्वल आंका गया जिसके लिए यहां की जनता बधाई की पात्र है। जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने कार्यभार संभालने के साथ ही कई रिवाज बदलने की पहलें की। पहले दिन से ही राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से कार्य करने का रिवाज बदला। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सदैव गरीब के करीब रहकर कार्य करने का प्रयास किया। सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लिए पात्रता की आयु सीमा घटाकर पहले 80 से 70 वर्ष और अब 70 से घटाकर 60 वर्ष की गई है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में लगभग साढ़े सात लाख लोगों को इस सुविधा का लाभ मिल रहा है जिस पर लगभग 1300 करोड़ रुपए व्यय किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के शब्दों को उद्धृत करते हुए कहा कि आदमी न बडा होता है, आदमी न छोटा होता है, आदमी केवल आदमी होता है। इसी भावना के साथ प्रदेश सरकार अंतिम पंक्ति के व्यक्ति तक कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सुनिश्चित कर रही है। मुख्यमंत्री सहारा योजना के अंतर्गत 20 हजार से अधिक लोगों को प्रतिमाह तीन हजार रुपए की सहायता राशि उपलब्ध करवाई जा रही है। मुख्यमंत्री गृहिणी सुविधा योजना के अंतर्गत लगभग 3.34 लाख महिलाओं को निःशुल्क रसोई गैस कनेक्शन उपलब्ध करवाए गए हैं। मुख्यमंत्री शगुन योजना के अंतर्गत बीपीएल परिवार की बेटियों को 31 हजार रुपए की सहायता राशि शगुन के तौर पर प्रदान की जा रही है। उन्होंने विपक्षी नेताओं की ओर इंगित करते हुए कहा कि रिवाज बदलने एवं छोटे लोगों के प्रयासों से वर्तमान राज्य सरकार की ऐसी ही कई योजनाएं प्रदेशवासियों के जीवन में सुखद बदलाव ला रही हैं।
जय राम ठाकुर ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार ने लोगों के जीवन को और बेहतर एवं सुलभ बनाने के दृष्टिगत ग्रामीण क्षेत्रों में निःशुल्क पेयजल आपूर्ति, घरेलू उपभोक्ताओं को 125 यूनिट तक खपत पर निःशुल्क विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की है। महिलाओं को हिमाचल पथ परिवहन निगम की साधारण बसों में किराए पर 50 प्रतिशत की रियायत प्रदान की है। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों को शायद प्रदेश सरकार के यह जन कल्याणकारी प्रयास रास नहीं आ रहे हैं और बेबुनियाद बातें कर भ्रम की स्थिति पैदा करने की नाकाम कोशिशें कर रहे हैं। इससे पहले, मुख्यमंत्री ने क्षेत्र के लिए लगभग 32.54 करोड़ रुपये की 15 विकासात्मक परियोजनाओं के लोकार्पण किए। इनमें कुमारसेन में 8.13 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित 50 बिस्तरों वाला नागरिक अस्पताल, 2.34 करोड़ रुपये लागत का औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान भवन, 1.11 करोड़ रुपये लागत से थानेदार के धाबी में फ्रूट प्लांट न्यट्रीशन लैब का भवन, कोटगढ़ में 94 लाख रुपये लागत का उप-तहसील कार्यालय तथा आवासीय भवन, कुमारसैन में 70 लाख रुपये के उप-कोषागार भवन, 10 करोड़ रुपये लागत से निर्मित राजकीय स्नातक महाविद्यालय भवन, मागसू गांव के लिए 63 लाख रुपये से संपर्क मार्ग का स्तरोन्नयन कार्य, 1.38 करोड़ रुपये से जिम्मू नाला जल सड़क का स्तरोन्नयन कार्य, कंडा गांव के लिए 2.27 करोड़ रुपये से संपर्क मार्ग का स्तरोन्यन कार्य, 1.47 करोड़ रुपये से निर्मित अरोथ के लिए संपर्क मार्ग, 2.19 करोड़ रुपये की अहार से बरथानीघाटी कांगल सड़क, 20 लाख रुपये से कचीणघाटी से नाग के लिए संपर्क मार्ग, कोटगढ़ के तानू जुब्बड़ में 76 लाख रुपये लागत का वन विश्राम गृह, कुमारसेन के धार नाग जुब्बड़ में 30 लाख रुपये लागत की वन निरीक्षण कुटीर, उप-तहसील कोटगढ़ के जरोल में 12 लाख रुपये से निर्मित पटवार भवन शामिल हैं।जय राम ठाकुर ने क्षेत्र के लिए लगभग 12.29 करोड़ रुपये की 9 विकासात्मक परियोजनाओं के शिलान्यास भी किए। इनमें 1.15 करोड़ रुपये लागत से रेयोग में बनने वाले आयुर्वेदिक औषधालय, 1.03 करोड़ रुपये से निर्मित होने वाले चौग मोर से खरगोटी संपर्क मार्ग, सदेनूआ से दमाई चजोल चमागणा के लिए 90 लाख रुपये लागत का सपंर्क मार्ग, चंगाघार मोहरी के लिए 66 लाख रुपये का सपंर्क मार्ग, खदेड़ी से घोरनू नरोग के लिए 74 लाख रुपये लागत का संपर्क मार्ग, ग्राम पंचायत शलोटा में किंगल खड्ड से शलोटा के लिए 3.22 करोड़ रुपये की उठाऊ जलापूर्ति योजना, ग्राम पंचायत बडागांव में बहना खड्ड से बड़ागांव के लिए 3.23 करोड़ रुपये की उठाऊ जलापूर्ति योजना, ग्राम पंचायत कांगल और मोगरा में 1.16 करोड़ रुपये से मजरोह हाथियां जलापूर्ति योजना के जीर्णोद्धार कार्य, शिलारू के शमुखर में 20 लाख रुपये की लागत की वन कुटीर शामिल है। इस अवसर पर विभिन्न विभागों की ओर से हिमाचल की विकास गाथा पर आधारित प्रदर्शनियां भी लगाई गई और 75 वर्षों की प्रदेश की यात्रा पर आधारित सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के वृत्त चित्र का भी प्रदर्शन किया गया। स्थानीय विधायक राकेश सिंघा ने भी इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त किए और मुख्यमंत्री का विधानसभा क्षेत्र में पहुंचने पर स्वागत किया। उन्होंने कहा कि प्रगतिशील हिमाचलः स्थापना के 75 वर्ष कार्यक्रम हमें स्वतंत्रता के उपरांत हिमाचल की विकास गाथा के साथ ही स्वतंत्रता पूर्व आजादी के नायकों को याद करने का भी अवसर प्रदान करता है। उन्होंने क्षेत्र की विकासात्मक जरूरतों का उल्लेख भी किया।

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