अंशुमन कुठियाला की पुस्तक का शिमला में विमोचन

अंशुमन कुठियाला की पुस्तक ‘शहर में शायर की शादी की सालगिरह’ का आज शिमला के गेयटी थियेटर में विमोचन किया गया। प्रसिद्ध साहित्यकार व पूर्व भारतीय प्रशासनिक अधिकारी के.आर. भारती, भाषा व संस्कृति विभाग के निदेशक डा. पंकज ललित, रंगमंच और साहित्य के पुरोधा श्रीयुत एस.एन.जोशी, कवि एवं शिक्षाविद् रोशन जसवाल, साहित्यकार एवं सह आचार्य डॉ प्रियंका वैदया ने पुस्तक का लोकापर्ण किया। इस अवसर पर रौशन जसवाल ने पुस्तक की समीक्षा करते हुए पुस्तक की विविधता और रोचकता को उल्लेख किया।
वहीं डॉ प्रियंका वैद्य ने पुस्तक का वर्णन एक गुलदस्ते के रूप में किया जिसमें गद्य और पद्य दोनों समाहित हैं। इसके अलावा प्राची ने ‘‘काले हिरन’’ रचना पढ़ी। शिवाली शर्मा ने कहा कि ये किताब अपने पाठकों को संक्षिप्त एवं सरल भाषा में युवा जीवन के विभिन्न चरणांे से आमुख करवाती है। साहित्यकार श्रीनिवास जोशी ने लेखक को शुभकामनाएं दी। डॉ पंकज ललित ने कहा कि पुस्तक में सरल भाषा में गहरी बात कही गई है। वहीं के.आर. भारती ने कहा कि गज़ल आसान विधा नहीं है, इसमें क़ाफिया, रदीफ़ और बहर का विशेष ध्यान रखना होता है और सुधार की गुंजाइश हमेशा बनी रहती है। इस अवसर पर भारती कुठियाला ने श्री गणेश गनी का वक्तव्य पढ़ा जिसमें अंशुमन को बहुधा विधाओं के रचनाकार के रूप में वर्णित किया।

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