जबरन धर्मान्‍तरण “बहुत गंभीर” विषय : उच्‍चतम न्‍यायालय

उच्‍चतम न्‍यायालय ने कहा है कि जबरन धर्मान्‍तरण “बहुत गंभीर” मुद्दा है। न्‍यायालय ने कहा है कि धर्म परिवर्तन से नागरिकों की अंतरात्मा की स्वतंत्रता के साथ-साथ देश की सुरक्षा भी प्रभावित हो सकती है। न्यायमूर्ति एम आर शाहा और हिमा कोहली की पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि वे प्रलोभन देकर धर्मान्‍तरण पर अंकुश लगाने के उपायों के बारे में बतायें। शीर्ष न्यायालय ने सरकार से भी इस पर रोकने के लिए कदम उठाने और गंभीर प्रयास करने को कहा। उच्‍चतम न्‍यायालय ने चेतावनी दी है कि यदि जबरन धर्मान्‍तरण पर रोक नहीं लगाई गयी तो “बहुत कठिन स्थिति” पैदा हो सकती है। उच्‍चतम न्यायालय ने यह व्‍यवस्‍था अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय की उस याचिका पर सुनवाई के दौरान दी है जिसमें उन्‍होंने धमकी तथा उपहार देकर और मौद्रिक लाभों के माध्यम से धोखा देकर धर्मांतरण करने पर रोक लगाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को कड़े कदम उठाने का निर्देश देने की मांग की है।

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