आरोप लगाने के बजाय प्रभावितों तक राहत पहुंचाने का काम करें मुख्यमंत्री : जयराम ठाकुर

The Chief Minister of Himachal Pradesh, Shri Jai Ram Thakur calling on the Union Minister for Human Resource Development, Shri Prakash Javadekar, in New Delhi on September 06, 2018.
आपदा में डीज़ल का दाम बढ़ाकर लोगों पर बोझ डालने वाले केंद्र पर लगा रहे हैं बेबुनियाद आरोप
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा है कि केंद्र सरकार हिमाचल प्रदेश की आपदा में पूरा सहयोग कर रही हैं। चाहे आर्थिक सहायता की बात हो या अन्य ज़रूरी संसाधनों की, जिस भी संसाधन की ज़रूरत पड़ी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह ने तुरंत उपलब्ध करवाई। राहत और बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ़ की टीमें भेजी, वायुसेना और सेना को लगाया, हेलीकॉप्टर से लेकर बीआरओ पूरे जी जान से जुटे रहे। हफ़्ते भर के भीतर आपदा राहत के तहत 364 करोड़ रुपये की दो किश्तें जारी कर दी। बहुत जल्दी तीसरी किश्त भी जारी हो रही है। सोमवार को केंद्र की टीम आपदा से हुए नुक़सान का जायज़ा लेने आ रही है। आपदा नुक़सान के आंकलन के आधार पर ही केंद्र सरकार भावी मदद की योजना बनाती है। सेना, एनएचएआई आज भी अपने काम में जुटी हुई हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ‘सुक्खू’ का यह कहना कि केंद्र सरकार कि तरफ़ से अभी तक कोई वित्तीय राहत नहीं मिली है, शर्मनाक और दुर्भाग्यपूर्ण बयान हैं।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार इधर-उधर की बातें करने के बजाय बाढ़ प्रभावितों को राहत देने का काम करे, क्योंकि अभी तक लोगों तक कोई राहत नहीं पहुंच पाई है। मैंने दो ज़िलों का दौरा किया, वहां के हालात बहुत बुरे हैं। जिन लोगों के घर नष्ट हो गये हैं, उन लोगों को तंबू तक नहीं मिला हैं। बिजली पानी और संचार व्यवस्था बहाल नहीं हो पाई है। एक हफ़्ते से ज़्यादा समय हो गया और बाढ़ प्रभावितों को पानी के लिए तरसना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि आपदा में भी डीज़ल का दाम बढ़ाकर प्रदेश लोगों पर बोझ डालने वाले मुख्यमंत्री केंद्र पर सिर्फ़ बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं, उन्हें बेबुनियाद आरोप लगाने के बजाय राहत और पुनर्वास के कार्यक्रमों पर ध्यान देना चाहिये क्योंकि कई ऐसी जगहें हैं अभी तक जहां तक कोई भी सरकारी सहायता पहुंची ही नहीं है और लोग अभी भी शासन-प्रशासन की राह देख रहे हैं। सरकार वहां तक तुरंत मदद पहुंचाए।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मंत्रियों को बाढ़ प्रभावित इलाक़े में जाकर राजनीति करने की बजाय राहत कार्यों पॉवर ध्यान दें, अब ज़मीन पर काम होना चाहिये। बाढ़ प्रभावितों से मिलने पर पता चलता है कि अभी तक सरकार क्या काम किए हैं। इस आपदा में लोगों को कोई राहत नहीं मिल पा रही है। मंत्रियों को एक दूसरे का सहयोग करना चाहिए, समन्वय के साथ काम करना चाहिए, लेकिन वह ज़ुबानी जंग में जुटे हैं। मुख्यमंत्री केंद्र सरकार पर हमले करने में जुटे हैं।