जान की बाजी लगाकर बचाई 1731 लोगों की जान

इंदोरा और फतेहपुर में जारी है रेस्क्यू ऑपरेशन, प्रशासन सहित सेना और एनडीआरएफ मौके पर तैनात
जिला कांगड़ा के इंदोरा और फतेहपुर उपमंडल में पोंग के बहाव क्षेत्र के साथ लगते गावों से अभी तक 1731 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। जिलाधीश कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि मंगलवार दोपहर से जारी इस रेस्क्यू ऑपरेशन में भारतीय सेना, एयरफोर्स, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवानों ने अपनी जान की बाजी लगाकर बड़ी संख्या में लोगों की जान बचायी है। उन्होंने बताया कि अभी तक हेलीकॉप्टर के मदद से कुल 739, बोट के द्वारा 780 और अन्य माध्यमों से 212 लोग सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए गए हैं। उन्होंने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन अभी जारी है और वे इसे स्वयं मौके पर रहकर मॉनिटर कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी आज यहां पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्यों का जायजा लिया और प्रशासन को बेहतर आपसी समन्वय से कार्य करने के निर्देश दिए।
दो एमआई-17 हेलिकॉपटर के साथ सेना के 60 और एनडीआरएफ के 182 जवानों ने किया रेस्क्यू
डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि पोंग बांध से अत्याधिक जल छोड़े जाने के कारण साथ लगते फतेहपुर और इंदौरा क्षेत्र में कईं लोगों के फंसे होने की जानकारी प्रशासन को मिली थी। उन्होंने बताया कि स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने तुरंत प्रभाव से भारतीय सेना और वायुसेना से संपर्क साधा। उन्होंने बताया कि सेना ने त्वरित प्रभाव से अपने दो फ्लड रिलीफ कॉलम को मौके पर भेजा। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन में सेना के कुल 60 जवान शामिल रहे। वहीं लोगों को एयरलिफ्ट करने के लिए भारतीय वायु सेना के दो एमआई-17 हेलीकॉप्टर तैनात किए गए हैं।
इंदोरा से किए 1344 लोग रेस्क्यू
उपायुक्त ने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन में अब तक इंदोरा उपमंडल से सर्वाधिक 1344 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। उन्होंने बताया कि उपमंडल इंदोरा में पोंग के बहाव क्षेत्र के साथ लगते गांवों से बड़ी संख्या में लोगों को रेस्क्यू किया गया। उन्होंने बताया कि यहां 564 लोगों को भारतीय वायुसेना के चॉपर से एयरलिफ्ट किया गया तथा बोट के माध्यम से 780 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।
फतेहपुर से 387 लोग निकाले
डीसी ने बताया कि फतेहपुर उपमंडल में अभी तक कुल 387 लोगों को रेस्क्यू किया गया है। उन्होंने बताया कि इनमें से 175 लोगों को हेलीकॉप्टर के जरिए एयरलिफ्ट किया गया, वहीं 212 लोगों को अन्य माध्यमों (ट्रैक्टर/ट्रॉली) से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।