शहरी क्षेत्रों में निर्माण कार्यों में नियमों की अनदेखी न करें : कृषि मंत्री

शहरी क्षेत्रों में निर्माण कार्यों को लेकर नियमों की सख्ती से अनुपालना सुनिश्चित करना जरूरी होगा इसके लिए विभागीय अधिकारियों को भी कारगर कदम उठाने चाहिए ताकि आपदा की स्थिति में जान माल के नुक्सान को कम किया जा सके।
यह बात धर्मशाला के मिनी सचिवालय में अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए कृषि एवं पशु पालन मंत्री चौधरी चंद्र कुमार ने कहा कि वर्तमान में आपदा प्रबंधन के सुदृढ़ीकरण के लिए प्रत्येक पहलु पर विचार जरूरी है तथा उसी के आधार पर योजनाओं का प्रारूप तैयार किया जाएगा।
चंद्र कुमार ने कहा कि बारिश के कारण राज्य में भारी नुक्सान हुआ है तथा राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से लोगों के राहत तथा पुनर्वास के लिए कारगर कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि अब मानसून धीरे धीरे समापन की ओर है तथा अब सभी विभागीय अधिकारियों को अपने अपने विभागों से संबंधित परियोजनाओं की बहाली के लिए युद्ध स्तर पर कार्य करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा सभी उपायुक्तों तथा संबंधित विभागों को 165 करोड़ की धनराशि जारी की गई है ताकि प्रारंभिक तौर पर मुख्य मार्गों, पेयजल योजनाओं और विद्युत योजनाओं की बहाली सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश भूकंप, भू-स्खलन, बाढ़ और बादल फटने जैसी विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं के लिए अति संवेदनशील है और आपदा संबंधित जोखिम को कम करने के लिए ऐसी घटनाओं से प्राप्त डाटा का संकलन और इसकी निरंतर निगरानी पर भी ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पहाड़ी ढलानों के कटान, मलबा प्रबन्धन और निर्माण से निकलने वाले मलबे के लिए निर्धारित बिन्दुओं की पहचान सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा कि आपदा के कारण जो लोग बेघर हुए हैं उनके पुनर्वास के लिए भी उचित कदम उठाए जाएं इस के लिए राजस्व विभाग सभी पहलुओं पर विचार करे ताकि आपदा प्रभावितों का पुनर्वास सुनिश्चित किया जा सके। चौधरी चंद्र कुमार ने कहा कि राज्य सरकार ने भी रिलीफ मैन्युल में राहत राशि को पांच गुणा से लेकर दस गुणा तक बढ़ाया है इसके साथ ही बारिश के कारण क्षतिग्रस्त फसलों के नुक्सान के लिए भी मुआवजा राशि तय कर दी गई है।