सरदार पटेल विश्वविद्यालय का दायरा घटाना राजनीतिक दुर्भावना से भरा हुआ फ़ैसला 

चम्बा, काँगड़ा के साथ आनी और निरमंड के कॉलेज को हटाने से हज़ारों छात्रों पर पड़ेगा असर

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सरदार पटेल विश्वविद्यालय (एसपीयू) मंडी के कार्य क्षेत्र में कटौती करने के मुख्यमंत्री के फ़ैसले को बहुत ही निंदनीय और दुर्भावना युक्त बताया है। उन्होंने कहा कि सरकार एक विश्वविद्यालय और नहीं खोल सकती है, इसलिए पूरे कि सरकार द्वारा खोले गये विश्वविद्यालय को बंद करने की साज़िश कर रही है। सुक्खू सरकार एसपीयू मंडी के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। जयराम ठाकुर ने कहा एसपीयू के कार्य क्षेत्र से ज़िला चम्बा, कांगड़ा के साथ-साथ आनी और निरमंड के कॉलेजों को बाहर करना मंडी विश्वविद्यालय के साथ उन ज़िलों की छात्रों के साथ भी धोखा है, जो उसमें पढ़ाई कर रहे थे। सरकार का यह फ़ैसला हिमाचल प्रदेश के गरीब छात्रों का हक़ मारने का फ़ैसला है।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा प्रदेश में शिक्षा सर्व सुलभ हो इसलिए ज़िला मंडी में सरदार पटेल विश्वविद्यालय की स्थापना की और शिमला से दूर पड़ने वाले ज़िलों के कॉलेजों को एसपीयू के साथ संबद्ध किया। जिससे छात्रों को शिमला तक दौड़ न लगानी पड़े। प्रशासनिक रूप से भी कार्य क्षेत्र बंट जाने से दोनों विश्वविद्यालयों पर भार कम हो जाएगा। इसका लाभ प्रदेश के छात्रों को मिला। कुल्लू, मंडी, चम्बा, कांगड़ा, लाहौल-स्पीति के छात्रों को शिमला तक का चक्कर नहीं लगाना पड़ता था। एसपीयू की वजह से इन क्षेत्र के छात्रों और उनके परिवारों को बहुत आसानी हो रही थी। छात्रों और उनके परिजनों को सैकड़ों किलोमीटर का सफ़र कम करना पड़ता था। इससे समय साथ खर्च में भी कमी आई थी। सरकार के इस दुर्भावनापूर्ण फ़ैसले की वजह से हज़ारों छात्र और उनके परिजनों को भी समस्या का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि जनहित के लिए संस्थाओं को सुचारू रूप से चलाना सरकार का काम है। इसलिए बदले की भावना से कार्रवाई करने के बजाय सरकार अपना काम करे तो बेहतर होगा।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार का काम है शिक्षा को सर्व सुलभ बनाए, लोगों को घर के नज़दीक से नज़दीक शिक्षा प्राप्त करने की व्यवस्था उपलब्ध करवाए लेकिन सरकार अलग दुर्भावना से काम कर रही है। जिसका ख़ामियाज़ा प्रदेश के युवाओं को भुगतना पड़ रहा है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा सरकार की इस तरह की मनमानी नहीं चलाने पाएगी। सरकार अपना यह दुर्भावनापूर्ण फ़ैसला वापस ले अन्यथा जनआंदोलन के लिए तैयार रहे।

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