युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है सरकार

मुख्यमंत्री बताए कब जारी कर रहे हैं नौकरियों के रुके हुए रिजल्ट : जयराम ठाकुर 

विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार बनते ही मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग को भंग कर दिया और सारे रिजल्ट रोक दिया। जब युवा रिज़ल्ट जारी करने के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय आये तो मुख्यमंत्री ने उनसे एक महीनें में सभी रिज़ल्ट जारी करने का वादा किया। एक महीनें बाद जब युवा फिर पहुंचे तो मुख्यमंत्री ने तीन महीनें का समय मांगा। आज दस महीनें होने को हैं लेकिन सरकार ने लंबित भर्तियों के परीक्षा परिणाम नहीं निकाले। अब वही युवा जब मुख्यमंत्री से मिलने जाते हैं तो मुख्यमंत्री मिलते नहीं हैं। दो-दो दिन मुख्यमंत्री कार्यालय के सामने बरसात में पड़े रहने के बाद भी उनकी सुनवाई नहीं हुई। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जिन युवाओं ने एग्जाम पास करके टाइपिंग टेस्ट भी पास कर लिया है। जिनका डॉक्युमेंट्स वेरिफ़िकेशन भी हो गये है सरकार उनके भी रिजल्ट नहीं निकाल पा रही है। आज रिज़ल्ट के इंतज़ार में युवा सड़कों पर भटक रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ उनके साथ धोखा किया है। प्रदेश के लोगों से झूठ बोला है।

 जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश की एक मात्र महिला विधायक द्वारा पंचायत भवन का उद्घाटन कर दिया गया तो पंचायत की प्रधान को नोटिस दे दिया गया। यह शर्मनाक है। सरकार पंचायत प्रधान को दिये गये नोटिस को वापस ले। इस तरह की तानाशाही ग़लत है। उन्होंने कहा कि सदन के अंदर विधायक बता रहे है कि किस तरह से आपदा के समय राहत देने में सरकार ने भेदभाव किया और अभी भी बहुत से लोग सरकारी राहत से अछूते रह गये। इसलिए मैं मुख्यमंत्री से निवेदन करता हूं कि आपदा प्रभावितों के बारे में सोचे और विधायकों की बातों को गंभीरता से लें।

उन्होंने सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश राज्य कर्मचारी चयन आयोग को भंग करने पर भी मुख्यमंत्री को घेरा। उन्होंने कहा कि सरकार ने एक अपरिपक्व फ़ैसला लेते हुए एचएसएससी को भंग कर दिया। कल जो नया आयोग बनेगा यदि उसमें भी एक व्यक्ति अगर गड़बड़ निकल जाएगा तो क्या सरकार फिर से उन संस्थानों को बंद कर देगी। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यवस्था में जो किसी प्रकार की गड़बड़ी करते हैं, उसके लिए क़ानून हैं। क़ानून के तहत उसे सख़्त से सख़्त सज़ा दी जाए लेकिन इस तरह से आयोग ही भंग कर देना पूर्णतः बचकाना हरकत है।

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