देश तथा प्रदेश के विकास में नाबार्ड बैंक का अहम योगदान

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि नाबार्ड का लक्ष्य है कि सतत और न्यायसंगत कृषि और ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने के लिए सहभागी वित्तीय और गैर हस्तक्षेपों वित्तीय, नवाचारों, प्रौद्योगिकी और संस्थागत विकास के माध्यम से समृद्धि हासिल करना है। नाबार्ड अपनी वित्तीय विकासात्मक और पर्यवेक्षी भूमिका के आधार पर ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लगभग हर पहलू को छू रहा है| इनसे पुनर्वित्त सहायता प्रदान करना, ग्रामीण बुनियादी ढांचे का निर्माण, जिला स्तर की ऋण योजना तैयार करना, ऋण लक्ष्यों को प्राप्त करने में बैंकिंग उद्योग को मार्गदर्शन और प्रेरित करना, सहकारी बैंकों व क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की निगरानी करना, सुदृढ़ बैंकिंग प्रथाओं को विकसित करना, ग्रामीण विकास के लिए नई परियोजनाओं को डिजाइन करना, भारत सरकार की विकास योजनाओं को लागू करना, हस्तशिल्प कारीगरों को प्रशिक्षण देना एवं उन्हें अपने उत्पाद बेचने के लिए एक विपणन मंच प्रदान करना आदि शामिल हैं।
इस दिशा में राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड), हिमाचल प्रदेश क्षेत्रीय कार्यालय-शिमला द्वारा स्वयं सहायता समूह, संयुक्त देयता समूह एवं कृषक उत्पादक संघ के उत्पादों के प्रदर्शन के लिए इस तीन दिवसीय उड़ान मेला का आयोजन किया जा रहा हैं। हिमाचल राज्य के विभिन्न जिलों के पहाड़ी मसाले, दालों, शहद, अखरोट, मशहूर उनी हैंडलूम जैसे शॉल, टोपी एवं मफलर जो ग्रामीण महिलाओं द्वारा हाथ से तैयार किये जाते हैं, इस प्रदर्शनी में उपलब्ध रहेंगे।