हिमाचल विधान सभा का 7 दिवसीय मानसून सत्र अनिश्चित काल के लिए स्थगित

सात दिवसीय मानसून सत्र की समाप्ति के साथ ही हिमाचल विधान सभा अनिश्चित काल के लिए स्थगित हो गई। 18 से 25 सितंबर तक चले मानसून सत्र के दौरान सदस्यों ने 743 प्रश्न पूछे। इनमें 547 तारांकित  तथा 196 अतारांकित प्रश्न 196थे।  इस सत्र के दौरान कुल 369 तारांकित तथा 186 अतारांकित  प्रश्नों की सूचनाएं सरकार द्वारा उपलब्ध करवाए गए। विधान सभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने मानसून सत्र की समाप्ति के बाद पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी दी।
विधान सभा अध्यक्ष ने कहा कि  चौदहवीं विधान सभा का तृतीय सत्र अपेक्षा अनुरूप पूर्ण सफलता के साथ स पन्न हुआ है। सत्र के दौरान सदन की कार्यवाही कुल 36 घण्टे 38 मिनट तक चली तथा इसकी उत्पादकता 106  प्रतिशत रही।
उन्होंने कहा कि प्रश्नों के अलावा सदस्यों ने नियम 61 के अन्तर्गत 8 , नियम 62 के अन्तर्गत 5 , नियम 101 के अन्तर्गत 3 , नियम 130 के अन्तर्गत 3 तथा 324 के अन्तर्गत 9 विषयों पर सार्थक चर्चा की गई।कहा कि मानसून सत्र में प्रदेश में प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान पर व्यापक चर्चा हुई। प्रदेश की त्रासदी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के सरकारी संकल्प पर नियम 102 के तहत चर्चा 15 घण्टे 30 मिनट तक चली। चर्चा के बाद सदन ने प्रस्ताव पारित कर प्रदेश को 12 हजार करोडड़ का विशेष पैकेज देने का प्रस्ताव पारित कर संबंधित विभाग को भेजा।
उन्होंने कहा कि बजट सत्र में नियम 63 के अन्तर्गत पारित प्रस्ताव प्रदेश में भांग के औषधीय गुणों को देखते हुए प्रदेश में इसकी खेती वैध करने बारे सरकार द्वारा गठित समिति का प्रतिवेदन भी सदन में प्रस्तुत किया गया। इसके साथ ही उप. मु यमंत्री द्वारा प्रदेश में वितीय स्थिति पर श्वेत पत्र बारे भी वक्तव्य दिया गया।
पठानिया ने सदन की कार्यवाही स पन्न होने पर मु यमंत्री , नेता प्रतिपक्ष तथा उपमुख्यमंत्री सहित संसदीय कार्य मंत्री  का भी धन्यवाद किया जिनकी वजह से सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से  संचालित कर पाए।  इसके साथ ही उन्होने सदस्यों सहित विधान सभा के सचिव और समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों एवं राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों, कर्मचारियों तथा हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के कर्मचारियों का भी धन्यवाद किया ।

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