पुनरुत्थना व प्रभावितों के पुनर्वास के लिए 3500 करोड़ जारी

आपदा प्रभावितों के पुनर्वास पर सरकार खर्च करेगी 750 करोड़ रुपए

सुखविंदर सिंह सरकार ने आपदा पीडि़तों के जख्मों पर मरहम लगाया है। सरकार ने आपदा से क्षतिग्रस्त अधोसंरचना के पुनरुत्थना व प्रभावितों के पुनर्वास के मकसद से 3500 करोड़ का पैकेज जारी किया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पैकेज जारी करते हुए घोषणा की कहा कि आपदा प्रभावितों के पुनर्वास पर सरकार 750 करोड़ की रकम खर्च करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्राकृतिक आपदा में पूरी तरह से क्षतिग्रस्त घरों के मालिकों को सरकारी दर  प्रति बैग सीमेंट मिलेगा। साथ ही इन्हें बिजली व पानी के कनैक्सन लगाने के लिए कोई खर्च नहीं करना होगा।
शिमला में पत्रकार वार्ता में राहत पैकेज की घोषणा करते हुए कहा कि सरकार ऐसे प्राकृतिक आपदा पीडि़तों को नि:शुल्क भूमि देगी जिनके पास जमीन बनाने के लिए भूमि नहीं है। इसके लिए प्रदेश का मूल निवासी होने की शर्त लागू नहीं होगा। प्राकृतिक आपदा प्रभावितों को घर बनाने के लिए सरकार शहरों में 3 तथा गांव में 2 बिस्वा मुफ्त भूमि देगी।  उन्होंने कहा कि पुनरुत्थान व पुनर्वास पैकेज में सरकार ने राज्य के बजट से 1850 करोड़ की रकम पहले ही जारी कर दी है। 1021 करोड़ की रकम रविवार को जारी करेंगे। इसके अलावा एनडीआरएफ व एसडीआरएफ के तहत प्राप्त 750 करोड़ की रकम भी जारी की जाएगी। साथ ही मनरेगा के तहत क्षतिग्रस्त घरों व निजी संपत्ति के डंगे लगाने के लिए एक हजार करोड़ की रकम खर्च होगी। विधायक निधि से भी डंगे लगाने पर रकम खर्च की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल में प्राकृतिक आपदा से प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करने के मकसद से सरकार ने राहत नियमावली में बदलाव किया है। बदलाव के बाद आपदा से क्षतिग्रस्त ढाबा अथवा दुकान के मालिक को पहले के 25 हजार के बजाय अब एक लाख की राहत राशि मिलेगी। पूरी तरह से क्षतिग्रस्त 3500 घरों के मलिकों को पहले के डेढ़ लाख के स्थान पर 7 लाख की रकम सरकार देगी। आंशिक तौर पर क्षतिग्रस्त घर के मालिक के 6500 के बजाय एक लाख की राहत राशि सरकार देगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने पुनरुत्थान व पुनर्वास, पैकेज की अवधि 7 जुलाई से 30 सितंबर तक तय की है। इसके तहत क्षतिग्रस्त कच्चे मकान के मालिक को 4 हजार के स्थान पर एक लाख की राहत राशि दी जाएगी। गौशाला बनाने के लिए 3 हजार के बजाय 50 हजार, आपदा में गाय अथवा भैंस की मृत्यु होने पर इनके स्वामियों को 37 हजार के स्थान पर 55 हजार की राहत राशि दी जाएगी।

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