जलवायु परिवर्तन और सतत विकास पर कार्यशाला आयोजित

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हाल ही में आई प्राकृतिक आपदा ने इस बात को पुनः सिद्ध कर दिया है कि विकास कार्यों के दौरान जलवायु परिवर्तन को ध्यान में रखना अति आवश्यक है। प्राकृतिक आपदाओं के लिहाज से संवेदनशील होने के कारण हमारे क्षेत्र में विकासात्मक कार्यों के क्रियान्वयन में वैज्ञानिक तौर-तरीकों को अपनाने की जरूरत है। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) द्वारा ‘बदलते परिवेश और भूकंपीय खतरे के समय में सतत विकास’ विषय पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए अतिरिक्त उपायुक्त कांगड़ा सौरभ जस्सल ने यह विचार प्रकट किए। एडीसी ने कहा कि प्रदेश सरकार के सख्त निर्देश हैं कि सभी विभाग प्राकृतिक आपदाओं के न्यूनीकरण को लेकर काम करें।
उन्होंने कहा कि सरकार ने इस बात पर विशेष बल दिया है कि भविष्य में सभी निर्माण कार्य पूर्ण वैज्ञानिकता के साथ किए जाएं, जिससे प्राकृतिक आपदाओं के खतरे को कम से कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि इसी के दृष्टिगत निर्माण कार्यों से जुड़े विभागों के अधिकारियों के लिए इस प्रकार की कार्यशालाएं आयोजित करवाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि कार्यशाला का मकसद है कि हम बदलते प्राकृतिक परिदृश्य के अनुरूप अपना विकास मॉडल विकसित करें। उन्होंने कहा कि सभी विभागों को सतत विकास पर जोर देते हुए विकासात्मक कार्यों के दौरान विशेषज्ञों की राय पर अमल करना चाहिए।

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