सेब बागवान 25 अगस्त को अडानी समूह के कोल्ड स्टोर की करेंगे घेराबंदी

हिमाचल के सेब उत्पादकों ने अपनी मांगों को लेकर में आगामी 25 अगस्त को अडानी समूह के स्वामित्व वाले तीन नियंत्रित वातावरण स्टोर का घेराव करने का फैसला किया है। सेब बागवान ठियोग के सैंज, रोहड़ू के मेहदली और रामपुर के बिथल में बने कोल्ड स्टोर का घेराव करेंगे। बागवानों का आरोप है कि अडानी समूह ने मनमाने ढंग से सेब के रेट तय किए हैं, जो उन्हें स्वीकार्य नहीं है ।
संयुक्त किसान मंच के संयोजक हरीश चौहान ने कहा कि “अडानी ने 2020 में 88 रुपये प्रति किलोग्राम की कीमत की पेशकश की, और 2022 में वे 76 रुपये प्रति किलोग्राम की पेशकश कर रहे हैं जबकि इस दौरान उत्पादकों की इनपुट लागत में भारी इजाफा हुआ है।”
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव आरडी धीमान ने बागवानों को भरोसा दिलाया था कि नौणी यूनिवर्सिटी के कुलपति की अध्यक्षता में कमेटी गठित की जाएगी। इसमें बागवान भी होंगे और यह कमेटी सेब के बाजार भाव को देखते हुए अडानी और दूसरे निजी घरानों के लिए रेट ओपन करेगी, लेकिन अडानी समूह ने खुद ही सरकारी आदेशों को ठेंगा दिखाते हुए मूल्य तय कर दिए।
अडानी और अन्य निजी कोल्ड स्टोर सेब की खरीद करते हैं और कटाई का मौसम खत्म होने के बाद उसे अधिक कीमत पर बेचते हैं। हालांकि, ये स्टोर छोटे खिलाड़ी हैं। राज्य के कुल 5-7 लाख मीट्रिक टन सेब में से, तीन अदानी स्टोर लगभग 20,000 मीट्रिक टन की खरीद करते हैं, जो कुल बिक्री का 2% से 3% है। चौहान ने कहा कि “अडानी स्टोर बहुत अधिक खरीद नहीं कर रहे हैं, लेकिन उनकी खरीद दरें खुले बाजार को प्रभावित करती हैं। अक्सर अडानी स्टोर्स द्वारा अपनी खरीद कीमतों की घोषणा करने के बाद बाजार में गिरावट आती है।”
संयुक्त किसान मंच के सदस्य दीपक सिंघा ने कहा कि मंच कृषि उत्पाद विपणन समिति (एपीएमसी) अधिनियम के प्रावधानों को सख्ती से लागू करने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाएगा। इस अधिनियम के प्रावधानों में सेब प्रति डिब्बे के बजाय प्रति किलो बेचा जाना, निश्चित समय सीमा में भुगतान, लोडिंग चार्ज फिक्स करना तथा खुली नीलामी के माध्यम से सेब को बेचा जाना प्रमुख हैं।

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *