अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सात दशकों की यात्रा को दर्शाती पुस्तक ध्येय यात्रा का विमोचन

राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सात दशकों की यात्रा को दर्शाती पुस्तक ध्येय यात्रा का विमोचन शिमला के ऐतिहासिक गेयटी थिएटर में किया। राज्यपाल ने कहा कि अभाविप आज विश्व का सबसे बड़ा छात्र संगठन है और सिर्फ शिक्षा क्षेत्र में ही नहीं बल्कि सामाजिक क्षेत्र में भी विद्यार्थी परिषद ने नए आयाम स्थापित किए हैं। राज्यपाल ने कहा कि भारत एक युवा देश है और युवा जिस भी ओर चलते हैं वो स्वयं अपनी राह बना लेते हैं। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक अभाविप के स्थापन, वैचारिक अधिष्ठान, संगठन के स्वरूप एवं विकास क्रम, छात्र आंदोलन की रचनात्मक दिशा, जैसे विषयों को अपने दोनों खंडों में समाहित करता है. उन्होंने कहा कि यह पुस्तक 75 वर्षों के सुनहरे इतिहास का उल्लेख करती है।
ध्येय यात्रा पुस्तक विमोचन के कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रो. नागेश ठाकुर, पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष, अ.भा.वि.प. एवं श्री विजय प्रताप , उत्तर क्षेत्रीय संगठन मंत्री, अ.भा.वि. प. विशेष रूप से उपस्थित रहे। इस अवसर पर अभाविप के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो नागेश ठाकुर ने कहा कि 9 जुलाई, 1949 को अस्तित्व में आया यह छात्र संगठन, विगत सात दशकों में, देश के हर जनहितकारी आंदोलन एवं जनकल्याणकारी कार्यों में अपनी भूमिका निभाता रहा है। यह पुस्तक, अभाविप के रचनात्मक, आंदोलनात्मक एवं प्रतिनिधित्वात्मक कार्यशैली से ‘राष्ट्र-पुनर्निर्माण’ के कार्य में संगठन द्वारा निभाई गयी अपरिहार्य भूमिका का आलेख है। नागेश ने कहा कि ध्येय यात्रा के प्रकाशन का उद्देश्य आगामी कार्यकर्ताओं को कार्य की प्रेरणा देना है।
अभाविप के उत्तर क्षेत्रीय संगठन मंत्री विजय प्रताप ने कहा कि “ध्येय यात्रा मात्र एक पुस्तक नहीं अपितु एक जीवंत छात्र आंदोलन का ग्रंथ है। वर्तमान में अभाविप के विविध आयाम छात्रों के बीच काम कर रहे हैं और इस पुस्तक में उनके विकास की कहानी है। उन्होंनं कहा कि इस पुस्तक के माध्यम से, संगठन की कार्यशैली एवं अभाविप के ‘राष्ट्र पुनर्निर्माण’ के लक्ष्य को समझने का मौका समाज के सभी वर्गों को मिलेगा। यह पुस्तक अभाविप के 75 वर्ष के इतिहास का ग्रंथ है जिसे शोधार्थी छात्र आंदोलन पर शोध के लिए उपयोग कर सकेंगे।