प्रदेश सरकार किसान – बागवान हितैषी

हिमाचल प्रदेश सरकार बागबानों के सरक्षण के लिए निरंतर कार्य कर रही है और सरकार द्वारा हाई पावर कमेटी का गठन इसी प्रक्रिया का हिस्सा है। यह बात भाजपा नेता एवं एपीएमसी के अध्यक्ष नरेश शर्मा द्वारा कमेटी की बैठक में हो रहे कार्यों के विषय में जानकारी देते हुए कही। उन्होंने कहा कि नौणी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजेश्वर चंदेल की अध्यक्षता में गठित हाई पावर कमेटी में बागवानों को भी स्थान दिया गया है। उन्होंने कहा कि बागवानों की सेब के दाम तथा अन्य समस्याओं को दूर करने के लिए कमेटी कार्य कर रही है।
उन्होंने वर्तमान सरकार के कार्यों को गिनाते हुए कहा कि वर्तमान सरकार ने हर कठिनाई के समय बागवानों के हितों की रक्षा की है। सेब के कार्टन पर बढ़े हुए 6 फीसदी जीएसटी का वहन राज्य सरकार कर रही है। एचपीएमसी को सेब सीजन में कम से कम एक करोड़ पेटियों की पैकजिंग सामग्री के आवंटन की तैयारी के निर्देश दिए गए हैं इसके अलावा सरकार ने कीटनाशकों फफूंदनाशकों और अन्य दवाओं पर सब्सिडी फिर से शुरू की है। अब सारी दवाएं उद्यान विभाग के केंद्रों में ही मिलेंगी। उन्होंने कहा कि इस बार बागवानों को खाद और फर्टिलाइजर समय पर मिलीं तथा इनकी कोई कमी नहीं हुई। एमएसपी में भी 2017 के मुकाबले 2022 में साढ़े चार रुपये की बढ़ोतरी की है, जोकि पिछली सरकार में 25 से 50 पैसे ही होती थी।
उन्होंने कहा की बागवानों के उत्पाद के लिए फ्रूट प्रोसेसिंग यूनिट संजीवनी हैं। इस दिशा में हम तेजी से कार्य कर रहे हैं। चालू वित्त वर्ष के दौरान 91 करोड़ रुपये की लागत से पराला में बन रही फ्रूट प्रोसेसिंग यूनिट में उत्पादन शुरू कर दिया जाएगा। पराला मंडी में फलों और सब्जियों के भंडारण की सुविधाओं को और बेहतर करने के लिए 60 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए जा रहे हैं। एंटी हेलनेट पर दिसंबर 2021 तक सरकार 20 करोड़ रुपये का उपदान दिया जा चुका है और 1 हज़ार 823 किसान लाभान्वित हुए हैं।

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