‘गरीब के करीब सरकार’ ध्येय के साथ कई कल्याणकारी योजनाएं की गई शुरू: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने ‘प्रगतिशील हिमाचलः स्थापना के 75 वर्ष’ समारोहों की कड़ी में हमीरपुर जिले के सुजानपुर में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि आज पूरा देश जहां आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मना रहा है, वहीं हिमाचल प्रदेश और युवा पीढ़ी को राज्य के गौरवमयी विकासात्मक, सांस्कृतिक और राजनीतिक सफर से अवगत करवाना है। उन्होंने कहा कि यह अवसर प्रदेश के दूरदर्शी नेताओं, डॉक्टरों, इंजीनियरों, शिक्षकों, कर्मचारियों, श्रमिकों, किसानों और सबसे बढ़कर उन सभी लोगों के प्रति सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त करने का है, जिन्होंने राज्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इनके प्रयासों से ही हिमाचल प्रदेश आज देश के अन्य राज्यों के लिए रोल मॉडल बनकर उभरा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के गठन के समय केवल चार जिले थे जबकि आज 12 जिले हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 1948 में राज्य में प्रति व्यक्ति आय मात्र 240 रुपये थी जो अब दो लाख रुपये से अधिक हो गई है। राज्य की साक्षरता दर भी प्रतिशत हो गई है जो 1948 में मात्र 4.8 प्रतिशत थी। उन्होंने कहा कि हमीरपुर राज्य का सबसे साक्षर जिला है। उन्होंने कहा कि गठन के समय हिमाचल में केवल 228 किलोमीटर सड़कें थीं, जबकि आज लगभग 40,000 किलोमीटर सड़कें राज्य के सबसे दूरस्थ क्षेत्र को भी जोड़ती हैं। उन्होंने कहा कि पहले प्रदेशवासी अपनी जान खतरे में डालकर जैसे-तैसे नदी-नालों को पार करते थे, लेकिन अब राज्य में 2325 से अधिक पुल प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों को जोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बिछे सड़कों के जाल का सबसे अधिक श्रेय पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को जाता है, जिन्होंने 60,000 करोड़ रुपये की राशि से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की शुरुआत की थी। हिमाचल में लगभग 50 प्रतिशत सड़कों का निर्माण इसी योजना के तहत किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का यह कार्यकाल गरीबों और पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए समर्पित रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 1300 करोड़ रुपये की राशि व्यय कर लगभग 7.50 लाख लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्रदान की जा रही है, जबकि पिछली सरकार ने राज्य की लगभग 4 लाख लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्रदान करने के लिए मात्र 400 करोड़ रुपये व्यय किए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की मुख्यमंत्री शगुन योजना बीपीएल परिवारों की बेटियों के लिए वरदान साबित हो रही है। इसी प्रकार गंभीर रोगों से ग्रसित मरीज़ों के परिवारों को सहारा योजना से संबल मिला है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले लगभग पांच वर्षों के दौरान वर्तमान राज्य सरकार ने ‘गरीब के करीब सरकार’ के ध्येय के साथ समाज के कमजोर वर्गों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं आरम्भ की हैं। उन्होंने कहा कि हिमकेयर, सहारा योजना, मुख्यमंत्री गृहिणी सुविधा योजना और शगुन योजना के माध्यम से जरूरतमंद और गरीब लोगों को राहत पहुंचाई जा रही है। उन्होंने कहा कि हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसों में महिला यात्रियों को बस किराये में 50 प्रतिशत की छूट दी गई है और घरेलू उपभोक्ताओं को 125 यूनिट मुफ्त बिजली भी उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के ये जन हितैषी निर्णय कांग्रेस नेताओं को रास नहीं आ रहे हैं लेकिन अब यही नेता प्रदेश की जनता को लुभाने के लिए दस गारंटी दे रहे हैं।