भारत की अध्यक्षता में जी-20 की पहली शेरपा बैठक राजस्थान के उदयपुर में शुरू

भारत की अध्यक्षता में जी-20 की पहली शेरपा बैठक राजस्थान के उदयपुर में आज शाम शुरू हुई। चार दिन की इस बैठक की अध्यक्षता भारत के जी-20 शेरपा अमिताभ कांत कर रहे हैं। अपनी शुरूआती टिप्पणी में उन्होंने कहा कि भारत ने ऐसे समय में जी-20 की अध्यक्षता संभाली है जब विश्व कई चुनौतियां का सामना कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत का मानना है कि हर संकट एक अवसर होता है। इस बैठक में 19 देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे है। यूरोपीय संघ से और नौ विशेष आमंत्रित देशों के प्रतिनिधि मौजूदा समय के अत्यावश्यक मुद्दों पर महत्वपूर्ण चर्चा करेंगे। अमिताभ कांत ने इससे पहले संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि भारत ने दुनिया भर में भू-राजनीतिक संकट और कोविड महामारी तथा मुद्रास्फीति के कारण वैश्विक ऋण में व़ृद्धि, 20 करोड़ लोगों के गरीबों की श्रेणी में चले जाने और दस करोड लोगों की नौकरी नहीं रहने के बीच जी-20 की अध्यक्षता संभाली है। श्री अमिताभ कांत ने कहा कि फिर भी जी-20 की अध्यक्षता भारत के लिए बहुत मायने रखती है क्योंकि इससे उसे स्वास्थ्य क्षेत्र, कोविड टीके के विनिर्माण तथा डिजिटल सार्वजनिक ढांचे के क्षेत्र में किये गये उल्लेखनीय कार्यों को दुनिया को बताने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इससे भारत विश्व को यह भी बता सकेगा कि वह लोकतंत्र की जननी है। अमिताभ कांत ने बताया कि वे कल भारत की प्राथमिकताओं की सूची के बारे में प्रस्तुति देंगे। उन्होंने बताया कि शेरपा ट्रैक और फाइनेंस ट्रेक के 12 कार्यकारी समूह बनाये गये हैं, जिनमें आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव प्रस्तुति देंगे। अमिताभ कांत ने बताया कि शेरपा ट्रेक, वित्त ट्रेक और एंगेजमेंट ग्रुप एक उद्देश्य की दिशा में काम करेंगे। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, वैश्चिक आर्थिक परिदृश्य पर प्रस्तुति देगा। इसके बाद भारत की प्राथमिकताओं के बारे में चर्चा की जाएगी। अंतरराष्ट्रीय संगठन और आमंत्रित देश भी अपना दृष्टिकोण साझा करेंगे। उन्होंने बताया कि इस बैठक में भारत द्वारा निर्धारित कार्य सूची पर सहमति बनाने की कोशिश की जाएगी। अमिताभ कांत ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का विचार है कि यह बैठक निर्णायक, महत्वाकांक्षी और कार्यवाही उन्मुख होनी चाहिए। अमिताभ कांत ने कहा कि जी-20 की शेरपा बैठक के लिए उदयपुर को इसलिए चुना गया है क्योंकि सरकार इसे वैश्विक पर्यटन स्थल बनाना चाहती है। जी-20 शेरपा बैठक में विभिन्न देशों के 43 शेरपा भाग ले रहे हैं।