सीमेंट फैक्ट्री विवाद में सरकार के साथ बेनतीजा रही बैठक, मामला 10 दिन और आगे लटका

सरकार के स्तर पर सीमेंट फैक्टरी के उपजे विवाद को हल करने के लिए हुई पहली बैठक बेनतीजा रही। पूरा दिन माथापच्ची के बाद भी हल नहीं निकला क्योंकि सरकार द्वारा रखे गए रेट पर सहमति नहीं बन पाई है। 10 दिन के बाद इसपर सहमति हो सकती है क्योंकि ट्रक ऑपरेटरों ने इतना समय मांगा है। इस बीच अदानी कंपनी की ओर से सरकार के सामने साफ कर दिया गया है कि यदि उसे लाभ होगा तो ही वो यहां पर सीमेंट फैक्टरी को आगे चलाएंगे। ऑपरेटरों का कहना है कि वो अपना हक लेकर रहेंगे।
अंबूजा और एसीसी में काम बंद होने के बाद पहली बार शिमला में सरकार के स्तर पर बैठक हुई जिसमें पूरा दिन चर्चा होती रही। सुबह 11 बजे से ये बैठक शुरू हो गई थी जो शाम 5 बजे तक चली। इस बैठक में अहमदाबाद से अदानी गु्रप के सीईओ पहुंचे थे तो वहीं ट्रक ऑपरेटरों की यूनियनों के पदाधिकारी सोलन और बरमाणा से आए थे। यहां पर डीसी सोलन व डीसी बिलासपुर भी आए थे।
प्रधान सचिव खाद्य आपूर्ति एवं परिवहन आर.डी.नजीम ने बैठक की अध्यक्षता की। हाईकोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी ने पहले रेट तय करने में जो फार्मूला बना रखा है उसके मुताबिक 8 से 9 रूपए के मध्य में प्रति क्विटंल प्रति किलोमीटर फ्रेट रेट रखने की बात कही गई। इस फार्मूले को दोनों ही पक्ष नहीं मान रहे हैं। ट्रक ऑपरेटरों का कहना है कि फार्मूला सही नहीं है। उन्होंने इस फार्मूले को ठीक करने और इसपर अपनी पूरी यूनियन के साथ बातचीत करने का निर्णय लिया है। इसके लिए चार स्तर पर आने वाले 10 दिनों में बैठकें की जाएंगी। बरमाणा एसीसी में इस वक्त 11 रूपए 41 पैसे के हिसाब से फ्रेट रेट दिया जा रहा है तो वहीं दाड़लाघाट अंबूजा में जो फ्रेट रेट है वो 10 रूपए 58 पैसे बनता है। ट्रक ऑपरेटर इन दामों को बढ़ाने की मांग कर रहे हैं तो कंपनी इसे कम करने की बात कर रही है। पहले हाई कोर्ट की कमेटी ने 6 रूपए फ्रेट रेट तय कर रखा हे।
चार स्तर पर 10 दिनों तक बैठकें होंगी। पहले एसडीएम के स्तर पर बातचीत का दौर शुरू होगा जिसके बाद डीसी के स्तर पर बैठक होगी वहां से मु यालय के स्तर पर और फिर हाईकोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी बैठक करके फैसला लेगी। सोमवार को एसडीएम अर्की के यहां पर अंबूजा से जुड़े मामले की बैठक रखी गई है। मंगलवार को डीसी बिलासपुर अपने यहां पर बैठक करेंगे। बताया जाता है कि बरमाणा के ट्रक ऑपरेटरों ने ही 10 दिन का समय मांगा है। सरकार की ओर से बातचीत शुरू कर दी गई है। दोनों पक्षों में सहमति बनाने की कोशिशें हुई मगर अभी मामला सुलझा नहीं है। 10 दिन का समय दिया गया है जिसमें सकारात्मक रूप से मामले को सुलझा लिया जाएगा। किसी का भी नुकसान नहीं होना चाहिए इसपर सरकार काम कर रही है।
आर.डी.नजीम, प्रधान सचिव परिवहन एवं खाद्य

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