अडानी के आगे पूरी तरह से सरेंडर हो गई मोदी सरकार : अखिलेश प्रताप

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह ने केंद्र की मोदी सरकार पर आरोप लगाया है कि वह अडानी के आगे पूरी तरह से सरेंडर हो गई है। उन्होंने कहा कि देश के इतिहास में यह पहली बार हुआ है जब किसी प्रधानमंत्री पर किसी एक व्यक्ति को देश की संपदा बेचने व नियमों के विपरीत किसी को अनुचित लाभ देने के लिये संसद में गंभीर आरोप लगे हों और प्रधानमंत्री उन आरोपों का उत्तर देना तो दूर उनका खंडन तक नहीं किया हो। लोकतंत्र में संसद के अंदर विपक्ष के सवालों का जवाब देना सरकार का उत्तरदायित्व होता है, जिसे मोदी ने पूरा नही किया।
कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन शिमला में एक पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुए अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने संसद में अडानी को लेकर जो प्रश्न पूछे थे उन्हें संसद की कार्यवाही से हटा दिया गया। उन्होंने कहा कि हिडन वर्ग की रिपोर्ट के बाद जिस प्रकार देश की अर्थव्यवस्था पर प्रहार हुआ है वह बहुत ही चिंता की बात हैं। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति जो 2014 में अमीरी के 609 पायदान पर था वह सात साल में कैसे अमीरी के नंबर दो पर आकर दो नंबरी बन गया। उन्होंने कहा कि अडानी व प्रधानमंत्री मोदी की मिलीभगत से यह सब संभव हो पाया है, क्योंकि केंद्र सरकार आम लोगों को नहीं केवल एक विशेष व्यक्ति अडानी की होकर रह गई हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पहले किसी कंपनी में रेड डालती है और उसके बाद उन कंपनियों को अडानी खरीद लेते हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र की पूरी सरकार आम लोगों के लिये नहीं केवल अडानी के लिये काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार म्यूट मोड पर है और अडानी लूट मोड पर।