सुंदरनगर में सात दिवसीय नलवाड़ मेले का शुभारंभ

मेले और पर्व पुरातन संस्कृति के संवाहक है, जिसमें हमारी प्राचीन समृद्ध संस्कृति झलक मिलती है। यह उद्गार सुंदरनगर में सात दिवसीय नलवाड़ मेला के शुभारंभ अवसर पर मुख्य संसदीय सचिव आशीष बुटेल ने बतौर मुख्यातिथि व्यक्त किए। इससे पहले नगौण में खूंटा गाड़कर विधिवत रूप से नलवाड़ मेले का आगाज किया। उन्होंने कहा कि यह मेला 500 वर्ष पूर्व सुकेत रियासत के राजाओं द्वारा प्रारंभ किया गया था, जिसकी पारम्परिक पहचान आज भी कायम है, जिसेसंजोए रखने के लिए सुन्दरनगर के निवासी बधाई के पात्र है। उन्होंने कहा कि प्राचीन काल में सुन्दरनगर के नलवाड़ मेले को उत्तरी भारत के सबसे बड़े पशु मेले का गौरव प्राप्त था। लेकिन आज के युग में खेती में आधुनिक तकनीकों का प्रयोग हो रहा है तथा खेती के लिए मैदानी क्षेत्रों में ट्रैक्टरों का प्रयोग कियाजा रहा है वाबजूद इसके नलवाड़ मेले ने अपने स्वरूप को बरकरार रखा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसान, बागवानों तथा पशु पालकोंके कल्याण के लिए कई नई योजनाएं क्रियान्वित कर रही है। इस वर्ष के बजट में किसानों व बागवानों के कल्याण के लिए अनेक योजनाओं का प्रावधान किया गया है।
इस अवसर पर पूर्व मुख्य संसदीय सचिव सोहन लालठाकुर ने मुख्यातिथि का स्वागत करते हुए नलवाड़ मेले के अतीत तथा वर्तमान स्वरूप केबारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की गई। मेला कमेटी के अध्यक्ष, एसडीएम धर्मेश रामोत्रा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए सात दिवसीय नलवाड़ मेले के बारे मेंविस्तार से जानकारी प्रदान की।