सिरमौर जिला के 1388 परिवारों के ‘पुनर्वास’ को 9.88 करोड़ रुपए आवंटित

रेणुका बांध पर जल्द ही शुरू होगा कार्य : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बरसात के दौरान आई आपदा से जिला सिरमौर के 1388 प्रभावित परिवारों के ‘पुनर्वास’ के लिए 9.88 करोड़ रुपए की प्रथम किस्त नाहन में वितरित की। पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त 66 घरों के लिए 3-3 लाख रुपए की राशि के रूप में 1.98 करोड़ रुपए की पहली किस्त, 718 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त घरों के लिए 6.37 करोड़, 292 गौशालाओं को नुकसान पर 1.15 करोड़ रुपए तथा अन्य प्रभावित परिवारों को 38 लाख रुपए की धनाराशि जारी की गई।
इस अवसर पर एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा के दौरान प्रदेश ने लगभग 500 लोगों को खोया और 16 हजार घरों को नुकसान हुआ। राज्य सरकार ने दृढ़ता से चुनौतियों का सामना किया और नियमों को परिवर्तित कर 4500 करोड़ रुपए का विशेष आर्थिक पैकेज जारी किया। अपने खर्च कम कर राज्य सरकार ने प्रभावित परिवारों की मदद का संकल्प लिया है तथा गरीब व्यक्ति की मदद के लिए नियम भी बदले गए हैं। पूरी तरह से क्षतिग्रस्त घर पर प्रदत्त 1.30 लाख रुपये के मुआवजे को साढ़े पांच गुणा बढ़ाकर सात लाख रुपये किया गया है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने नियमों के अनुसार लगभग 10 हजार करोड़ रुपए के दावे केंद्र को भेजे हैं। हाल ही में दिल्ली दौरे के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री से भेंट कर राज्य को यह राशि शीघ्र जारी करने का आग्रह भी किया है। वहीं भाजपा प्रभावितों को मुआवजे पर केवल राजनीति ही करती आ रही है। पहले वे आपदा के दौरान ही विधानसभा सत्र बुलाने की मांग करते रहे, लेकिन जब सत्र बुलाया तो तीन दिनों तक चर्चा के दौरान भाजपा विधायक प्रभावित परिवारों के साथ खड़े नहीं हुए और राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के संकल्प का भी समर्थन नहीं किया। भाजपा का एक भी नेता आपदा प्रभावितों की मदद के लिए आगे नहीं आया और किसी भी नेता ने केंद्र सरकार से हिमाचल को आर्थिक मदद नहीं मांगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि तमाम चुनौतियों के बावजूद प्रदेश प्रगति के पथ पर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि रेणुका डैम का कार्य जल्द ही शुरू होगा, जिस पर दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार से बात हुई है। इसके साथ ही किशाऊ जल विद्युत परियोजना में वाटर कम्पोनेंट आधार पर पावर कम्पोनेंट में 90ः10 केन्द्र तथा राज्य सरकार को फंड करने अथवा राज्य के हिस्से में सभी पावर कम्पोंनेट में 50 वर्ष तक ब्याज मुक्त ऋण सुविधा प्रदान करने का अनुरोध भी केन्द्र से किया गया है।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि धौलासिद्ध, लुहरी तथा सुन्नी जल विद्युत परियोजनाओं में बिजली की रॉयल्टी बढ़ाने पर भी उन्होंने केंद्र सरकार से बात की है ताकि प्रदेश के लिए अधिक से अधिक राजस्व जुटाया जा सके।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार से हाटी समुदाय के बारे में जारी अधिसूचना स्पष्ट नहीं थी तथा इस बारे में स्पष्टीकरण आने के 12 घंटे के भीतर राज्य सरकार ने अनुसूचित जनजाति दर्जा प्रदान करने की अधिसूचना जारी कर दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार 20 हजार रोजगार सरकारी क्षेत्र में प्रदान करने जा रही है। शिक्षा, स्वास्थ्य, जल शक्ति विभाग, बिजली बोर्ड में ये नियुक्तियां की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार में पुलिस भर्ती पेपर लीक हुआ। कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर में पेपर बेचे जाते रहे। वर्तमान सरकार ने इस आयोग को भंग किया ताकि युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ न हो।
उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने एक वर्ष के कार्यकाल में अनेक ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश की आर्थिक तंगहाली के बावजूद पहली ही कैबिनेट में 1.36 लाख कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन बहाल की। केंद्र सरकार के पास एनपीएस के लगभग 9 हजार करोड़ रुपए फंसे हैं और इस मसले पर भी केंद्र से बात की गई है। अनाथ बच्चों के लिए मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना को शुरू कर प्रदेश के 4 हजार अनाथ बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट का दर्जा प्रदान करने के लिए कानून बनाया। इस योजना के तहत अनाथ बच्चों की उच्च शिक्षा से लेकर उनके रहन-सहन तथा घर बनाने के लिए आर्थिक मदद प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस योजना के माध्यम से राज्य सरकार उस वर्ग की आवाज बनी, जो अपने हक की आवाज नहीं उठा सकते।
उन्होंने कहा कि राज्य तंगहाली के दौर से गुजर रहा है क्योंकि पिछले कई वर्षों से सरकारों ने आर्थिक संसाधन जुटाने पर ध्यान ही नहीं दिया। वर्ष 2022-23 में भाजपा सरकार ने 14 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया। चुनौतियां स्वीकार करते हुए हमने हिमाचल को आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प लिया और पहले ही बजट में प्रदेश को आत्मनिर्भरता की ओर ले जाने की नींव रखी। आने वाले चार वर्षों में हिमाचल आत्मनिर्भर और दस वर्ष में देश का सबसे खुशहाल राज्य बनेगा।