प्रधानमंत्री ने कोच्चि से पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत देश को किया समर्पित

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज केरल के कोच्चि में अत्याधुनिक स्वचालित यंत्रों से युक्त देश के पहले स्वदेशी विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत देश को समर्पित किया। इस विमानवाहक पोत को मेक इन इंडिया के तहत बनाया गया है. आईएनएस विक्रांत का वजन 45 हजार टन है और यह भारत का सबसे बड़ा विमानवाहक पोत है. प्रधानमंत्री ने कोचीन शिपयार्ड में 20,000 करोड़ रुपये की लागत से बने स्वदेशी अत्याधुनिक स्वचालित यंत्रों से युक्त विमान वाहक पोत विक्रांत का जलावतरण किया। इस पोत का डिजाइन नौसेना के वारशिप डिजाइन ब्यूरो ने तैयार किया है. वहीं निर्माण सार्वजनिक क्षेत्र की शिपयार्ड कोचिन शिपयार्ड लिमिटेड ने किया है. आईएनएस विक्रांत 262 मीटर लंबा और 62 मीटर चौड़ा है साथ ही यह 18 समुद्री मील से लेकर 7500 समुद्री मील की दूरी तय कर सकता है. स्वदेश निर्मित विमानवाहक युद्धपोत में लगभग 2,200 कमरे हैं. समारोह को सम्‍बोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आई एन एस विक्रांत केवल एक युद्धपोत नहीं बल्कि कठिन परिश्रम, प्रतिभा और 21वीं सदी में भारत की प्रतिबद्धता और बढ़ते प्रभाव का उत्‍कृष्‍ट उदाहरण है। प्रधानमंत्री ने नौसेना, को‍चीन शिपयार्ड के इंजीनियरों, वैज्ञानिकों और विशेष रूप से इस परियोजना पर काम करने वालों के योगदान की सराहना की। उन्‍होंने आई एन एस विक्रांत को लाल किले के प्राचीर से घोषित पांच प्रण का जीवंत प्रतिमान बताया।

 

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