‘सम्मेद शिखर तीर्थ’ को पर्यटन केंद्र बनाने पर देशभर में जैन समाज के लोगों ने किया प्रदर्शन, राष्ट्रपति को सौंपा ज्ञापन

साल 2023 के पहले ही दिन देशभर में लाखों की तादाद में जैन समाज के लोग सड़क पर उतर गए हैं। जैन समाज ”श्री सम्मेद शिखर तीर्थ” को टूरिस्ट प्लेस बनाने और शत्रुंजय पर्वत पर भगवन आदिनाथ की चरण पादुकाओं को खंडित करने वालों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहा है। उनकी मांग है कि सम्मेद शिखर को टूरिस्ट सेंटर ना बनाया जाए। साथ ही आदिनाथ की चरण पादुकाओं को खंडित करने वालों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाए। शत्रुंजय पर्वत पालीताणा में है और सम्मेद शिखर के बाद जैन समाज का सबसे बड़ा तीर्थ स्थान है। अपनी मांगों को लेकर जैन समाज का एक डेलीगेशन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलने पहुंचा है।
क्या है इस आंदोलन की वजह
जैन समाज ”श्री सम्मेद शिखर तीर्थ” को टूरिस्ट प्लेस बनाने का विरोध कर रहा है। श्री सम्मेद शिखर तीर्थ झारखंड में मौजूद है। इसेके पीछे दलील ये दी जा रही है कि टूरिस्ट प्लेस बनाने से तीर्थ की पवित्रता को खतरा है। टूरिस्ट प्लेस बनाने का फैसला झारखंड सरकार ने लिया है। बता दें कि श्री सम्मेद शिखर तीर्थ जैन समाज का सर्वोच्च तीर्थ है। जैन समाज की आस्था का बहुत बड़ा केंद्र है। जैन समाज के 24 में से 20 तीर्थंकरों ने ये यहां मोक्ष प्राप्त किया था। जैन धर्म के तीर्थराज के रुप में इसकी मान्यता है। ये तीर्थ ‘पारसनाथ पर्वत’ के नाम से भी मशहूर है। श्री सम्मेद शिखर तीर्थ झारखंड के गिरिडीह में है।