हरित ऊर्जा राज्य बनने में अहम् भूमिका निभाएगा हरित हाईड्रोजन : मुख्यमंत्री

हिमाचल प्रदेश सरकार पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है और प्रदेश की जलवायु में सुधार के लिए बजट में कई प्रावधान किए गए हैं। प्रदेश सरकार ने 31 मार्च, 2026 तक हिमाचल को हरित ऊर्जा राज्य बनाने का लक्ष्य रखा है जिसकी पूर्ति के लिए हरित हाइड्रोजन के उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस संबंध में ऑयल इंडिया लिमिटेड के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। यह बात मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान, शिमला में हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एचपीएसपीसीबी) द्वारा आयोजित ‘पर्यावरण-विचार हैकथॉन’ की अध्यक्षता करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि हिमाचल में पहले से ही सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध है और अब इसके उपयुक्त विकल्प तलाशने के लिए काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने, एचआरटीसी की डीजल बसों को ई-बसों में बदलने, राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूलों के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रणाली स्थापित करने और स्वास्थ्य सुविधाओं में रोबोटिक सर्जरी शुरू करने पर विशेष ध्यान दे रही है। राज्य सरकार ने 6000 अनाथ बच्चों को ‘राज्य के बच्चों’ के रूप में गोद लिया है और ऐसे बच्चों को उच्च शिक्षा और अन्य खर्चों के लिए सहायता प्रदान की जा रही है।
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पुरानी पेंशन व्यवस्था को बहाल करने के कारण केंद्र सरकार ने हिमाचल पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं लेकिन इसके बावजूद प्रदेश सरकार विकास पथ पर बढ़ने के लिए कृतसंकल्प है। उन्होंने शासन के साथ प्रौद्योगिकी को एकीकृत करने के सरकार के प्रयासों पर भी प्रकाश डाला।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने हैकथॉन के विजेताओं को नकद पुरस्कार और प्रमाण-पत्र प्रदान किए। सुंदरनगर कॉलेज के प्रगुण जायसवाल और जुबैर अहमद सैफी को प्रथम स्थान हासिल करने पर पुरस्कार के रूप में एक लाख रुपए प्रदान किए। दूसरा पुरस्कार डॉ वाई.एस. परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी, जिला सोलन के ओ. सादिश और प्रियंका ने प्राप्त किया। इन्हें पुरस्कार के रूप में 75 हजार रुपए पदान किए गए। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला की कृतिका शर्मा ने तीसरा स्थान जबकि राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, हमीरपुर के मोहित कुमार सिंह, मनीष ठाकुर और सुजान सावंत चौथे स्थान पर रहे। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, हमीरपुर की श्रेया धीमान पांचवें स्थान पर रही।
‘वेस्ट टू वंडर’ मॉडल प्रतियोगिता में सरस्वती पैराडाइज इंटरनेशनल स्कूल संजौली के आकाश भारद्वाज, करण चौहान, निर्भय राज को प्रथम पुरस्कार मिला। जीएसएसएस पोर्टमोर से नियासा श्याम, आंचल चौहान और नीरज वर्मा ने दूसरा स्थान हासिल किया और जीएसएसएस टूटीकंडी से काजल, साक्षी और पूजा ठाकुर तीसरे स्थान पर रहीं।