वर्ष 2047 तक विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए शासन में सुधार आवश्यक हैं: प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर शहीदों और स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। नई दिल्ली में लालकिले की प्राचीर से राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद राष्ट्र को संबोधित करते हुए उन्होंने भारत के विकास के लिए भविष्य के लक्ष्यों की श्रृंखला की रूपरेखा पर प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार राष्ट्र को मजबूत बनाने और लोगों के जीवन में बदलाव लाने के इरादे से सुधारों के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2047 तक विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए शासन में सुधार आवश्यक हैं। मोदी ने कहा कि बैंकिंग, पर्यटन, एमएसएमई, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं, परिवहन और कृषि जैसे हर क्षेत्र में नई तथा आधुनिक प्रणाली स्थापित की जा रही है। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र में स्टार्टअप में उछाल देश को एक शक्तिशाली राष्ट्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहा है। प्रधानमंत्री ने युवाओं को प्रशिक्षित करने और देश को दुनिया की कौशल राजधानी बनाने के लिए सरकार द्वारा घोषित ऐतिहासिक पहलों पर प्रकाश डाला। उन्होंने भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र में बदलने की परिकल्पना का उल्लेख किया और विकास की अपेक्षाओं को तेज गति से पूरा करने के लिए भविष्य के लिए कुशल संसाधन तैयार करने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री ने महिलाओं के प्रति हिंसा और अपराधों के बढ़ते मामलों पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि अपराधियों को जल्द से जल्द दंडित किया जाना चाहिए और उन्हें सजा मिलनी चाहिए। मोदी ने देश में मौजूदा नागरिक संहिता को भेदभावपूर्ण बताया और कहा कि इसके बजाय एक धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता होनी चाहिए । लालकिले पर अपने संबोधन के बाद प्रधानमंत्री ने बच्चों और दर्शकों से मुलाकात की और उनसे बातचीत की। इससे पहले, उन्होंने राजघाट जाकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की।