पर्यटन, अर्थव्यवस्था, खेल को बढ़ावा देती आइस स्केटिंग

हिमाचल प्रदेश की सुंदरता का दीदार करने के लिए लोग अन्य राज्यों व देशों से आते हैं। महानगरों की दौड़भाग वाली जिंदगी से चंद दिनों की छुट्टी लेकर लोग पहाड़ों में सुकून की तलाश में आते हैं। बर्फ की चादर से ढके ऊँचे-ऊँचे पहाड़ों के बीच से उगते हुए सूरज की सुनहरी सुबह और शाम को पहाड़ों के पीछे ढलते सूरज का मनमोहक दृश्य लोग अपने जेहन में कैद कर यहाँ से अपने साथ लेकर जाते हैं। आम तौर पर हर एक व्यक्ति की इच्छा होती है जीवन में एक बार गिरते हुए बर्फ का साक्षी बनाना। इसी आस में सर्दियों में पर्यटक पहाड़ों की ओर रुख करते हैं। सर्दियों में आसमान से गिरते बर्फ के फाहे एक अलग ही एहसास पर्यटकों को करवाते हैं। जहाँ एक ओर बर्फ पर लोग अठखेलियां करते हैं वहीं आइस स्केटिंग लोगों को रोमांचित करती है। आइस स्केटिंग में विभिन्न गतिविधियां होती हैं जैसे कि फिगर स्केटिंग, स्पीड स्केटिंग और आइस हॉकी जो शिमला में पर्यटकों और स्थानीय लोगों को हर वर्ष सर्दी के मौसम में उपलब्ध रहती है।

1920 में बनी शिमला आइस स्केटिंग रिंक
शिमला आइस स्केटिंग क्लब के सचिव मंजीत सिंह ने बताया कि शिमला के लक्कड़ बाजार में 1920 में आइस स्केटिंग रिंक का निर्माण हुआ था और यह साउथ एशिया का एकलौता प्राकृतिक आइस स्केटिंग रिंक है। इस आइस स्केटिंग रिंक में कई राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं आयोजित करवाई गई हैं। रिंक में सर्दी में मौसम साफ़ होने पर प्राकृतिक तरीके से बर्फ जमाई जाती है। इस वर्ष भी रिंक में बर्फ जमने के साथ ही प्रतिदिन 2 सेशन में लोगों और पर्यटकों को आइस स्केटिंग करवाई जा रही है। रोज सुबह 8 से 10 बजे और सांय 6 से 8 बजे तक बच्चों से लेकर वरिष्ठ नागरिक आइस स्केटिंग का आनंद उठा रहे हैं।

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