हिमाचल का 2024-25 का बजट 58 हजार 444 करोड़ का होगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 2024-25 का कर मुक्त बजट सदन में पेश किया। बजट में हिमाचल न सिर्फ आगामी एक दशक में हिमाचल को आत्म निर्भर बनाने की ओर , बल्कि खेती के विकास . किसानों , महिलाओं, व गरीब वर्गों के सशक्तिकरण पर भी फोकस किया गया है। नशा मुक्त हिमाचल की प्रतिबद्धता को भी सरकार ने बजट में दर्शाया है।
सदन में बजट अनुुमानों को पेश करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि आगामी  साल में प्रदेश की राजस्व प्राप्तियां 42 हजार 153 करोड़ रहने का अनुमान है। राजस्व व्यय 46 हजार 667 करोड़ रहने का अनुमान है। इस तरह साल के अंत में राजस्व घाटा 4 हजार 514 करोड़ रहने का अनुमान है। जबकि राजकोषीय घाटा 10 हजार 784 करोड़ रहेगा। राजकोषीय घाटा प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद का 4.75 फीसद तक रहने का अनुमान है।
सीएम ने अपने बजट भाषण में कहा कि सरकार एक सौ रुपए के खर्च में से 52 रुपए सीधे सीधे वेतन, पेंशन व ब्याज की अदायगी पर खर्च कर रही है। उन्होंने कहा कि  वेतन पर 25, पेन्शन पर 17 तथा ब्याज की अदायगी पर 11 रुपए खर्च कर रही है। इसके अलावा ऋण के भुगतान पर 9 रुपए , स्वायत्त संस्थानों के लिए ग्रांट पर 10 तथा शेष 28 रुपए पूंजी गत कार्यों व अन्य मदों पर खर्च कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के किसानों को आत्म निर्भर बनाने की दिशा में प्राकृतिक खेती के अंतर्गत रोजगार के अवसर सृजित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि बेरोजगार युवाओं को प्राकृतिक खेती से उगाए गेहूं को 40 तथा मक्की पर सरकार 30 रुपए प्रति किलो समर्थन मूल्य देगी। खेती को बढ़ावा देकर किसानों को सशक्त बनाने के मकसद से सरकार 2500 कृषि क्लस्टर विकसित करेगी। मोटे अनाज के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार कार्य योजना तैयार करेगी। शिमला जिला के मेंहदली व शिलारू तथा कुल्लू के बंदरोल में नई मंडियां बनेंगी। किसानों की सुविधा के लिए चैट बोट व एआई का इस्तेमाल सरकार करेगी।

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