शिक्षा की गुणवत्ता के लिए उठाए ऐतिहासिक कदम

शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा है कि प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए विशेष प्राथमिकता दी जा रही है।  सरकार ने गत वर्ष अनेक ऐसे निर्णय लिए हैं, जिनसे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार दिखाई देने लगे हैं। कहा कि एक वर्ष के दौरान लिए गए निर्णय आने वाले समय में शिक्षा की दिशा व दशा दोनों को निर्धारित करेंगे।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र व शिक्षण संस्थानों में टीचर्स रीड़ की हड्डी का काम करते हैं तथा अच्छे शिक्षक ही अच्छे राष्ट्र व अच्छे नागरिकों का निर्माण करते हैं। अपने प्रदेश के अध्यापकों को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय एक्सपोजर देने के लिए प्रथम चरण में लगभग 200 अध्यापकों को सिंगापुर में अंतरराष्ट्रीय विजिट पर भेजा जा रहा है। इसी तरह 200 अध्यापकों को केरल व अन्य राज्यों में भी भेजा जा रहा है। यह अध्यापक सिंगापुर में अंतरराष्ट्रीय स्तर को प्रौद्योगिकी शिक्षण के साथ-साथ वहाँ की अन्य सुविधा इत्यादि व हमारे स्टूडेंट के लिए वहाँ पर भविष्य के अवसरों पर भी ज्ञान प्राप्त करेंगे।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा का उचित प्रसार तो हो चुका है लेकिन अब इसे सुदृढ़ करने की आवश्यकता है। इसी कड़ी में प्री-प्राइमरी से लेकर 12वीं कक्षा तक के स्कूलों के कलस्टर पहली बार बनाए गए हैं। इनमें सभी विद्यार्थी वहाँ पर उपलब्ध सुविधाओं का उपयोग कर सकते हैं। प्राईमरी के बच्चे वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल की लैब में जाकर उसका उपयोग कर सकते हैं। सुबह की प्रार्थना इक्ट्ठे करके साथ में एक-दूसरे से सीखने में सभी को प्रेरणा मिलेगी। स्कूल क्लस्टर में टीचर्स की पूरी उपलब्धता रहेगी। इससे भी बच्चों का सर्वांगीण व्यक्तित्व विकास होगा।
उन्होंने कहा कि गत वर्ष में सरकार ने लगभग 526 नई नियुक्तियां व 2323 पदोन्नति की थी। शीघ्र ही लगभग 3000 अध्यापकों की विभिन्न श्रेणियों में नियुक्तियां कर दी जाएगी। इसके साथ-साथ यह भी बताना उचित होगा कि हिमाचल प्रदेश में शिक्षक और प्रशिक्षु अनुपात राष्ट्रीय स्तर से लगभग तीन गुना अच्छा है। हिमाचल प्रदेश में यह अनुपात 10:1 (लगभग) है जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह 30:01 (लगभग) है।
हिमाचल प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने हिमाचल प्रदेश में हमेशा ही शिक्षकों की आवश्यकता के अनुसार भरने का प्रयास किया है। जैसे गत वर्ष में वर्तमान प्रदेश सरकार ने शिक्षकों की भर्तियों को प्राथामिकता के अनुसार पर खाली पदों को भरा है। अगर सभी श्रेणियों को ध्यान में रखा जाए तो सरकार गत वर्ष में लगभग 6000 भर्ती, प्रमोशन व रेगुलराइजेशन की है। जल्दी ही 3 हजार और भर्तियां की जाएगी। अगर पिछली सरकार के एक साल के कार्यकाल के साथ हमारी सरकार के एक साल की तुलना की जाए तो हमारी सरकार ने लगभग उनसे तीन गुना ज्यादा भर्तियां व प्रमोशन की है। इसके अतिरिक्त गत वर्ष में शिक्षा विभाग में जेबीटी-388, टीजीटी-66, सीएंडवी-98 नई नियुक्तियां की गई है। आने वाले कुछ दिनों में टीजीटी-898, जेबीटी-1161 व शास्त्री की 193 कुल 2262 बेचवाइज तरीके से नियुक्तियां कर दी जाएगी। इसके अतिरिक्त कुल 2848 नियुक्तियाँ सीधी भर्ती से कर दी जाएगी, जिनमें टीजीटी-889, जेबीटी-1766 व सीएंडवी-193 (शास्त्री) है। उन्होंने कहा कि 23/11/2023 को श्रीनिवास रामानुजन स्टू‌डेंट डिजिटल योाजना के तहत मुख्यमंत्री ने टैब वितरण का कार्य आरम्भ किया। इसके अन्तर्गत 10552 स्कूल 10वीं/12वीं 10550 व कॉलेज के लगभग 1000 टॉपर्स को टैब वितरित कर दिए गए हैं। 2022-23 के स्कूल/कॉलेज के टॉपर्स को भी बहुत जल्दी डीबीटी के तहत इस लाभ को पहुंचाया जाएगा।
गत वर्ष में सरकार ने आईसीटी योजना, स्मार्ट स्कूल योजना व वर्चुअल क्लासरूम योजना के तहत स्कूल कॉलेज में लगभग 200 क्लासरूम में स्मार्ट वर्चुअल क्लासरूम सुविधा प्रदान की। प्रदेश में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला छोटा शिमला, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सलोह ऊना व सरकारी कॉलेज संजौली को सरकार ने पूरी तरह से स्मार्ट स्कूल व कॉलेज बना दिया है। इन सभी परियोजनाओं पर सरकार ने लगभग 8 करोड़ रुपए का बजट खर्च किया है। इस कड़ी में सरकारी कॉलेज संजौली, सरकारी कॉलेज कोटशेरा व राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला छोटा शिमला की लाइब्रेरी को डिजिटल लाइब्रेरी बना दिया गया है।

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