प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स के साथ की चर्चा

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि यांत्रिक बुद्धिमत्ता की सुविधा उपलब्ध कराने से पहले उसका उचित प्रशिक्षण देना ज़रुरी है, अन्यथा इसके दुरुपयोग की आशंका रहेगी। आज माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स के साथ चर्चा में उन्होंने कहा कि भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में कोई भी डीपफेक का इस्तेमाल कर सकता है। श्री मोदी ने कहा कि डीपफेक के उपयोग के संबंध में स्पष्ट दिशानिर्देश होने चाहिए और प्रामाणिक तथा डीपफेक से तैयार सामग्री के बीच अंतर स्पष्ट होना चाहिए। बिल गेट्स ने भारत की तकनीकी प्रगति और यांत्रिक बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका की प्रशंसा की। चर्चा के दौरान श्री मोदी ने कहा कि उन्होंने जीवन-यापन को सरल बनाने के लिए तकनीक के उपयोग पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि डेटा सुरक्षा अब भी एक प्राथमिक विषय बना हुआ है। श्री मोदी ने कहा कि डेटा स्तरीय और स्पष्ट होना चाहिए और डेटा के उपयोग के लिए व्यक्त विशेष की सहमति अवश्य ली जानी चाहिए ताकि निजता का हनन न हो। प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना स्वयं में एक बड़ी आवश्यकता है और सरकार सभी गांवों तक डिजिटल सुविधाएं उपलब्ध करा रही है। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर डिजिटल सुविधाओं की उपलब्धता में अंतर को देखकर ही उन्होंने निर्णय लिया था कि वे भारत में ऐसा नहीं होने देंगे। श्री मोदी ने कहा कि सरकार स्वास्थ्य, शिक्षा और कृषि क्षेत्रों के आधुनिकीकरण के लिए डिजिटल तकनीक की शक्ति का उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि नई तकनीक अपनाने के मामले में महिलाएं अधिक उदार रही हैं और इसलिए सरकार ने नमो ड्रोन दीदी स्कीम शुरु की है। इस स्कीम के तहत फसलों की निगरानी, उर्वरकों के छिड़काव और बीज बोने तक के लिए ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने जी-20 सम्मेलन की मेज़बानी के विषय में कहा कि इसकी बहुत चर्चा रही और इसकी कार्यवाही में कई मोड़ आए। उन्होंने कहा कि भारत नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। श्री मोदी ने कहा कि देश हरित हाइड्रोजन के क्षेत्र में भी प्रगति करना चाहता है।