नयी आबकारी नीति पर विपक्ष ने उठाए सवाल

हिमाचल प्रदेश विधानसभा में राज्य के वर्ष 2024-25 के बजट पर चर्चा आरम्भ करते हुए नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार अपने किए गए वादों को पूरा करने में पूरी तरह विफल रही है। उन्होंने सरकार पर तीखे हमले बोलते हुए कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा पेश बजट पूरी तरह से दिशाहीन है, इसमें बेरोजगार युवाओं, बागवानों और मजदूरों को कोई राहत नहीं है। उन्होंने कहा कि यह हकीकत है कि पिछले एक साल के कार्यकाल में मौजूदा सरकार राज्य को बहुत बड़ा नुकसान कर चुकी है और हिमाचल पिछड़ता हुआ नजर आता है। नेता प्रतिपक्ष ने राज्य सरकार की नई आबकारी नीति पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि इस पॉलिसी में ठेकेदारों को लाभ देने की कोशिश की गई है। उन्होंने कहा कि इसी तरह की पाॅलिसी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की भी थी, जिसके बाद आज उनके तीन मंत्री सलाखों के पीछे हैं। अब यही स्थिति हिमाचल में भी बनने जा रही है। जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार आबकारी से 1855 करोड़ रुपए का राजस्व जुटाने की बात कर ही है जो 40 प्रतिशत ज्यादा बताई जा रही है जबकि हकीकत यह है कि राजस्व में महज 16 से 17 फीसदी तक की ही बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि आबकारी से 2500 करोड़ रुपए राज्य के कोष में आना चाहिए था, लेकिन अभी भी इसमें 400 करोड़ रुपए कम आया है। नेता प्रतिपक्ष ने सदन में ठेकेदारों की पेमेंट रोकने का मामला भी उठाया। उन्होंने कहा कि सरकार को बने हुए 14 माह हो गए हैं और ठेकेदारों को इस दौरान पेमेंट नहीं की गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के ही नेता और विधायक कह रहे हैं कि पहले उनके ठेकेदारों की पेमेंट कर दे, उसके बाद आगे की पेमेंट के बारे में देखा जाए। उन्होंने इसमें बड़े भ्रष्टाचार के होने का भी आरोप लगाया। इस पर, मुख्यमंत्री सुखविंद्र सुक्खू ने हस्तक्षेप करते हुए जयराम ठाकुर से जानना चाहा कि किन ठेकेदारों की पेमेंट नहीं हुई है वह इसकी लिखित में पूरी जानकारी उन्हें उपलब्ध करवाएं। जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार कह रही है कि प्रदेश में एक साल में संसाधन बढ़े हैं। उन्होंने सरकार से जानना चाहा कि अगर आय के साधन बढ़े हैं, तो प्रदेश का विकास क्यों रुका है, कर्मचारियों को अब तक डीए और एरियर क्यों नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा पेश किया गया बजट पूरी तरह से दिशाहीन है।

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